मथुरा- धर्म रक्षा संघ के नेतृत्व में स्थानीय लोग और साधु संतों का बांके बिहारी मंदिर के सामने अनिश्चितकालीन धरना
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मथुरा- विश्व प्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर के पट खोलने को लेकर धर्म रक्षा संघ के नेतृत्व में स्थानीय लोग और साधु संतों का बांके बिहारी मंदिर के सामने अनिश्चितकालीन धरना । 24 घंटे के अल्टीमेटम के बाद भी नहीं खोला बांके बिहारी मंदिर। 30 अक्टूबर शरद पूर्णिमा के पर्व पर मंदिर ना खोलने पर जबरन मंदिर के गेट खोलने की दी चेतावनी।
वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर के पट 7 माह बाद 2 दिन श्रद्धालुओं के लिए खुले थे ,इस बीच सेवायतो की मनमानी और कोविड-19 के नियमों का खुला उल्लंघन देखने को मिला था ।
जिसकी मंदिर प्रबंधन ने कोर्ट से शिकायत की थी। जिसके बाद मंदिर के गेट को श्रद्धालुओं के लिए पुनः बंद कर दिया गया।
बांके बिहारी मंदिर पर धर्म रक्षा संघ के नेतृत्व में साधु संत स्थानीय लोग प्रदर्शन कर रहे हैं ।उनका कहना है कि बांके बिहारी मंदिर के पट न खुलने की वजह से उनका रोजगार भी पूरी तरह चौपट हो गया है ।अब बाकेबिहारी के पट खोल देने चाहिए ।
प्रदर्शनकारियों ने प्रशासन को 24 घंटे का समय दिया था ।वह पूरा होने पर प्रदर्शनकारी बांके बिहारी मंदिर के सामने अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए हैं ।उनका कहना है कि प्रशासन ने हमारी मांगे नहीं मानी तो हम यहां पर अनशन ,आमरण अनशन और फिर आने वाली 30 अक्टूबर शरद पूर्णिमा के दिन मंदिर का गेट बड़ी संख्या में साधु संत और स्थानीय लोग इकट्ठा होकर जबरन खोलेंगे और पुलिस यदि हमें रोकेगी तो हम अपनी गिरफ्तारी भी देंगे।
मंदिर प्रबंधन ने सीसीटीवी फुटेज के साथ पूर्व से शिकायत की थी के राजभोग सेवायत शैलेंद्र गोस्वामी ने जबरन गर्भ ग्रह से सटे जगमोहन में श्रद्धालुओं को बैठा कर पूजा पाठ कराया था ,जो मंदिर की मर्यादा के खिलाफ है ,साथ ही मंदिर के पट को 1 घंटे लेट खोला था ,जिसकी वजह से बिहारी मंदिर की गलियों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ एकत्र हो गई थी ,जिसके बाद मंदिर प्रबंधन ने ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के द्वारा बांके बिहारी मंदिर के दर्शन कराने का निर्णय लिया ,लेकिन वेबसाइट में भी तकनीकी खराबी आने के चलते व्यवस्था भी फेल हो गई, मंदिर प्रबंधन द्वारा श्रद्धालुओं के लिए पट बंद करने के बाद कुछ लोगों ने कोर्ट में भी मंदिर खोलने की अपील की थी। लेकिन कोर्ट ने उस अपील को खारिज कर दिया ।
लेबल: उत्तरप्रदेश
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