मंगलवार, 13 अक्टूबर 2020

'जाति की वजह' से बैठक में महिला पंचायत नेता को जमीन पर बैठाया, जांच के आदेश


 


चेन्नई: जातिवाद का जहर भारत की नस-नस में फैल चुका है। अगर कोई इससे लड़ना चाहे तो वह उसे ही लील जाने की कोशिश करता है। इसी कड़ी में जहां एक तरफ भारत के उप राष्ट्रपति एम. वैंकैया नायडू जातिवाद, ऊंच, नीच से उभरने की अपील कर रहें हैं, वहीं दूसरी ओर हाई एजुकेटेड कहे जाने राज्य में एक स्थान से बेहद निंदनीय मामला सामने आया है। जहां एक बैठक के दौरान एक पंचायत नेत्री को जमीन पर बैठाया गया,जबकि अन्य लोग कुर्सी पर बैठे हुए हैं। यह पूरी घटना तमिलनाडु के कुड्डालोर की है। 


महिला थेरकु थित्ती गांव की पंचायत की अध्यक्ष हैं। वह आदि द्रविड़ समुदाय से ताल्लुक रखती हैं, जो कि अनुसूचित जाति है। इस पद पर उनकी चुनाव पिछले साल हुआ था। 


जानकारी के मुताबिक,   नीचे बैठी महिला को इस बैठक की अध्यक्षता करनी थी। वहीं इस मामले के सामने आने के बाद लोगों में काफी गुस्सा है और इसने गहराई से व्याप्त भेदभावपूर्ण प्रथाओं को एक बार फिर उजागर किया है। कुड्डालोर के जिला कलेक्टर ने मामला सामने आने के बाद पंचायत सचिव को निलंबित कर दिया है और मामले में जांच के आदेश दिए हैं। 


तस्वीर में जमीन पर बैठी महिला थेरकु थित्ती गांव की पंचायत की अध्यक्ष हैं। वह आदि द्रविड़ समुदाय से ताल्लुक रखती हैं, जो कि अनुसूचित जाति है। इस पद पर उनका चुनाव पिछले साल हुआ था। 


महिला नेता ने कहा, "मेरी जाति की वजह से उपाध्यक्ष ने मुझे बैठक की अध्यक्षता नहीं करने दी। यही नहीं, उन्होंने मुझे झंडा भी फहराने नहीं दिया। उन्होंने अपने पिता से यह काम करवाया। हालांकि, मैं उच्च जातियों के साथ लगातार सहयोग करती आ रही हूं। "


जिला कलेक्टर चंद्र शेखर सखमुरी ने कहा, "हम इस मामले की जांच कर रहे हैं और कुछ घंटों में सब स्पष्ट हो जाएगा. सचिव को निलंबित कर दिया गया है क्योंकि वह इस कथित भेदभाव के बारे में अधिकारियों को सूचित करने में नाकाम रहे."


 


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