बुधवार, 14 अक्टूबर 2020

हज यात्रा पर मोदी सरकार का नया नियम , यात्रियों को देना होगा इनकम टैक्स का सर्टिफिकेट


हजयात्रियों पर मोदी नए कानून लागू कर दिया है...हज यात्रा पर जाने से पहले यात्रियों को अपनी कमाई की पाई-पाई सरकार को बतानी होगी....देशभर से हज यात्रा को जाने वाले लोगों को इस बार नए नियम के तहत इनकम टैक्स का सर्टिफिकेट भी देना होगा। अगर किसी ने ये नहीं चुकाया तो वह हज यात्रा से रोक दिया जाएगा। हज यात्रा की प्रक्रिया नवंबर में शुरू हो जाएगी। सिर्फ ब्रज से 3000 तो देशभर से लगभग दो लाख लोग हर साल हज पर जाते हैं। इससे पहले हवाई यात्रा का जीएसटी पांच से बढ़ाकर 18 प्रतिशत कर दिया गया था। जीएसटी के अलावा यूडीएफ और पीएसएफ (सऊदी टैक्स) भी देना अनिवार्य होगा…


हज यात्रियों को बताना होगा सोर्स ऑफ इनकम


अब हज यात्रा करने वालों को अपनी आय का स्रोत (सोर्स ऑफ इनकम) भी बताना पड़ेगा। इसके लिए यात्रियों को इनकम टैक्स रिटर्न भरकर क्लियरेंस सर्टिफिकेट के साथ हज यात्रा का आवेदन फॉर्म भरना होगा। कोविड 19 के चलते साल 2020 में कोई भी हज यात्रा पर नहीं गया। इसलिए यह नियम अमल में नहीं लाया जा सका था। फाइनेंस एक्ट वर्ष (2001-2002) के 11 जून के नोटिफिकेशन एसओ 508 (ई) के तहत दो लाख रुपये से अधिक की किसी भी धार्मिक यात्रा पर इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने की छूट थी। वर्ष 2020 से यह छूट खत्म हो गई है...वर्ष 2021 के आवेदन फॉर्म भरने की प्रक्रिया नवंबर में शूरू होगी।


नियम की अव्हेलना पर जुर्माने का प्रावधान 


हज यात्रा की मंशा रखने वालों को आवेदन फॉर्म भरने से पहले इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना अनिवार्य होगा...इस नियम की अव्हेलना करने वालों पर जुर्माने का प्रावधान रखा है। इसमें 1000 से 10 हजार तक जुर्माना तय किया है।माना जा रहा है की यह हज यात्रियों के हितों के खिलाफ है। इस महंगाई के दौर में हज यात्रियों पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ेगा। हज यात्री पूरी जिंदगी पैसे जमा करके यात्रा पर जाते हैं और ये भी जीवन में एक बार ही होती है।


पड़ोसी देशों में धार्मिक यात्राओं पर ITR जरूरी नहीं


पड़ोसी देशों में भी धार्मिक यात्राओं पर इनकम टैक्स रिटर्न अनिवार्य नहीं है। चीन, श्रीलंका, नेपाल में इसे नहीं भरवाया जा रहा। पिछले 2 सालों में कुछ नए नियम लागू हुए है....हज कमेटी ऑफ इंडिया से जिंदगी में एक बार ही हज कर सकते हैं, पहले पांच साल का प्रतिबंध था। वायु मार्ग से यात्रा में दी जाने वाली सब्सिडी को खत्म कर दिया गया है।कुर्बानी की व्यवस्था अनिवार्य थी, अब वैकल्पिक कर दी गई है।ग्रीन कैटेगिरी में न कुकिंग की व्यवस्था मिलेगी और न ट्रांसपोर्टेशन की सहूलियत।हज यात्रा के लिए आवेदन की प्रक्रिया ऑनलाइन की गई है।डिजिटल पेमेंट से हज यात्रा के रुपये जमा कराए जा रहे हैं...मेट्रो ट्रेन की सुविधा और कुर्बानी के लिए कूपन की व्यवस्था की गई है।यात्रियों के प्रशिक्षण के लिए कंप्यूटर स्लाइड प्रजेंटेशन अनिवार्य कर दिया है।


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