मंगलवार, 13 अक्टूबर 2020

हाथरस कांड पर हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने दिखाई सख्ती, डीएम समेत अन्य अफसरों को लिया आड़े हाथ

 



 


न्यायमूर्ति पंकज मित्तल और न्यायमूर्ति राजन राय की खंडपीठ ने हाथरस की निर्भया से गैंगरेप एवं मारपीट के बाद मौत होने पर पीड़िता का रातोंरात अंतिम संस्कार कराने के मामले में करीब दो घंटे तक सुनवाई की। कोर्ट ने इस प्रकरण का स्वत: संज्ञान लिया है। साथ ही पीड़िता का रात में अंतिम संस्कार कराने पर हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने कड़ी नाराजगी जताते हुए अफसरों से इसका जवाब मांगा है। हाईकोर्ट ने डीएम समेत अन्य अफसरों को इस मुद्दे पर आड़े हाथ लिया। 


 



 


डीएम प्रवीण कुमार लक्षकार ने अदालत को बताया कि


जिले में कानून-व्यवस्था को नियंत्रण में रखने के लिए रात में अंतिम संस्कार कराने का निर्णय किया गया।इसके लिए सरकार का कोई दबाव नहीं था। 


 


हालांकि कोर्ट ने राज्य सरकार को इस संदर्भ में जवाबी हलफनामा दाखिल करने की अनुमति दी है। कोर्ट ने बिटिया के परिजनों का पक्ष भी सुना। 


 



 


मामले की अगली सुनवाई दो नवंबर को होगी। उस दिन कोर्ट ने एडीजी कानून-व्यवस्था और गृह विभाग के किसी विशेष सचिव स्तर के अफसर को पेश होने का निर्देश दिया है।


 


'ऐसी परिस्थितियों के लिए सरकार को तैयार करना होगा दिशा-निर्देश'


 


सुनवाई के दौरान पहले पीड़ित पक्ष ने अपना पक्ष रखा। इसके बाद डीपीजी हितेश चंद्र अवस्थी, अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी, एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार ने भी कोर्ट को कार्रवाई से अवगत कराया। हाथरस के डीएम तथा एसपी विनीत जायसवाल ने पीड़ित पक्ष को जिला व पुलिस प्रशासन की तरफ से मिल रहे सहयोग के बारे में अवगत कराया।


 


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