सोमवार, 12 अक्टूबर 2020

हाथरस कांड की एफआईआर कॉपी CBI ने वेबसाइट से हटाई

 



 


हाथरस केस की जांच CBI ने टेकओवर कर लिया है। मामले में कार्रवाई करते हुए गैंगरेप, हत्या और हत्या के प्रयास के साथ-साथ एससी-एसटी एक्ट में मामला दर्ज किया। और कुछ ही घंटों के बाद वेबसाइट पर भी डाल दिया। लेकिन मामले की जांच शुरू करते ही महज कुछ ही घंटों बाद सीबीआई ने अपनी वेबसाइट से FIR की कॉपी को हटा दिया। 


 



 


सूत्रों की माने तो हाथरस मामले की प्राथमिकी में दर्ज पीड़िता के नाम को सफेद स्याही से छुपाया गया था लेकिन बेवजह के विवाद से बचने के लिए इसे सार्वजनिक मंच से हटाने का निर्णय लिया गया। हालांकि, सीबीआई ने मीडिया को जारी अपने बयान को वेबसाइट से नहीं हटाया है।


 



 


क्या है FIR कॉपी हटाने की वजह? 


सभवत: उच्चतम न्यायालय के उस आदेश का उल्लंघन होने का अहसास होने पर इसे हटाया गया, जिसमें बलात्कार और यौन उत्पीड़न के अपराधों में दर्ज प्राथमिकी को पुलिस के सार्वजनिक करने पर रोक है।


 


न्यायमूर्ति मदन बी लोकुर की अध्यक्षता वाली उच्चतम न्यायालय की पीठ ने दिसंबर 2018 में प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को बलात्कार और यौन उत्पीड़न के पीड़ितों की पहचान किसी भी रूप में उजागर नहीं करने का निर्देश दिया था।


 



 


हाथरस केस की जांच करेगी गाजियाबाद यूनिट


सीबीआई के प्रवक्ता ने बताया कि केस की जांच गाजियाबाद यूनिट करेगी, जिसमें स्पेशल टीम भी शामिल रहेगी. केस की इन्वेस्टिगेटिंग ऑफिसर डीएसपी सीमा पाहूजा हैं.


 


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