सोमवार, 19 अक्टूबर 2020

बिहार चुनाव 2020- चिराग पासवान के 'असंभव नीतीश' के पीछे कौन?  


जैसे-जैसे बिहार विधानसभा चुनाव के लिए पहले चरण के मतदान की तारीख नजदीक आती जा रही है, वैसे-वैसे लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान की तल्खी सीएम नीतीश कुमार के प्रति बढ़ती जा रही है. चिराग ने सीएम नीतीश पर अब तक का सबसे बड़ा हमला बोलते हुए कहा कि नीतीश सभी बातों को 15 साल का बताते हैं, जबकि हक़ीक़त यह है कि पिछले 5 साल में भी कोई उपलब्धि नहीं है. उनके मंत्री और विधायक पिछले 5 साल का हिसाब दें. चिराग ने कहा कि नीतीश और बिहार को बेबसी से निकलने के लिए कड़े फ़ैसले लेने होंगे. इसके साथ ही चिराग पासवान ने नए असम्भवनीतीश की शुरुआत की है. इसका मतलब है कि इस बार सत्ता में आना नीतीश कुमार के लिए सम्भव नहीं है.चिराग ने एक के बाद एक ट्वीट किए और कई सवाल पूछे और बिहार की जनता को संदेश भी दिए.


लोजपा अध्यक्ष ने दावा किया कि पिछले 5 साल में बिहार में अफ़सरों का राज रहा है. सात निश्चय में कोई भी निश्चय पूरा नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार और उनके विधायक और मंत्री पिछले 5 साल में हुए कार्यों का ब्योरा दें. इसके बाद आगे लिखा कि आप सभी के स्नेह, आशीर्वाद और साथ से बिहार में जेडीयू से ज़्यादा सीटें लोजपा जीतेगी और बिहार1stबिहारी1st के संकल्प के साथ नया बिहार और युवा बिहार बनाएगी.सवाल उठ रहा है कि आखिर जो चिराग चंद महीने पहले तक सीएम नीतीश के साथ थे और बीते लोकसभा चुनाव में खुद की जमुई लोकसभा सीट पर अपने लिए उनसे प्रचार करवाया था, अचानक वह कैसे बदल गए.


राजनीतिकगलियारों में जो चर्चा है उसके अनुसार जदयू, भाजपा और लोजपा के नेता प्रशांत किशोर की भूमिका से कोई इनकार नहीं कर रहे हैं….राजनीतक सूत्र बताते हैं कि चिराग पासवान कभी नीतीश कुमार की आंख के तारे रहे प्रशांत किशोर की सलाह पर काम कर रहे हैं. दरअसल, प्रशांत किशोर का जदयू से नाता खत्म हो चुका है और वह आधिकारिक तौर पर पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी को भी राजनीतिक सलाह दे रहे है।


सूत्रऔर मीडिया रिपोर्ट्स बताते हैं कि पूर्व सीएम जीतन राम मांझी की हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) को जोड़ने की पहल से ही चिराग के कान खड़े हो गए थे और इसके बाद पीके की सलाह पर उन्होंने LJP को 143 सीटों पर चुनाव में उतारने का फैसला किया. इसमें संदेश दिया कि उनकी पार्टी बिहार में एनडीए से बाहर है, लेकिन राष्ट्रीय स्तर पर एनडीए के साथ है…मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, चिराग की इस पहल के पीछे अंदरखाने में नीतीश के नेतृत्व वाली जदयू की जड़ कमजोर करना और लोजपा को मजबूत करना है. साथ ही अगर संभावना बने तो भाजपा के साथ लोजपा की सरकार बनवाना भी है.


राजनीतिक जानकार बताते हैं कि जाहिर तौर पर यह भाजपा के लिए असमंजस की घड़ी है…बहरहाल चिराग अपने तल्ख तेवर के बीच नीतीश पर हमले जारी रखे हुए हैं और अब राजनीतिक गलियारों में खबरे हैं कि प्रशांत किशोर रालोसपा समेत अन्य छोटे दलों से बात कर महागठबंधन में अपना भविष्य तलाश कर रहे हैं. वहीं, जेडीयू भी मानती है कि लोजपा के राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन छोड़ने के पीछे प्रशांत वजह हैं. हालांकि, लोजपा के प्रवक्ता अशरफ अंसारी ने इन दावों को बेकार का बताते हुए खारिज कर दिया है.


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