मंगलवार, 13 अक्टूबर 2020

बौखलाए चीन को भारत देगा करारा जवाब, अमेरिका देगा साथ


 


चीन अपनी चालबाज़ी हरकतों से ना सुधरा था और ना ही सुधरने वाला है। लगातार तनातनी के बीच चीन बॉर्डर पर अपने सैनिकों की तैनाती बराबर बढ़ा रहा है, वहीं भारतीय सेना भी इस बार मुंहतोड़ जवाब देने तैयार खड़ी है। 


भारत ने अपने उत्तरी सीमा पर फ़ौजियों के साथ-साथ इंफ्रास्ट्रक्चर का ऐसा मजबूत जाल बिछाया है कि इस बार चीन की हर चाल उल्टी पड़ने वाली है। 


 


 क्या चीन से जंग के बिना बात नहीं बनेगी?


 हालात को देखते हुए अमेरिका ने भी अपना रुख साफ कर दिया है। अमेरिका ने कहा कि


लगता है चीन बातचीत से अपना रवैया नहीं बदलने वाला है। 


 दरअसल, भारत और चीन के सीमाई इलाक़ों में इस वक्त कड़ाके की ठंड है और वही चीन ने बॉर्डर पर अपने 60 हज़ार सैनिक तैनात किया है। और हर 10 दिनों में अपने फौजियों को बदल रहा है।


 


 


सैटेलाइट इमेज के आधार पर आने वाले दिनों में हालात और मुश्किल होने वाले हैं। जिसके चलते कयास लगाए जा रहे है कि बॉर्डर के इलाक़े में चीनी सैनिक अस्थाई गर्म तंबूनुमा मकान भी बनाने में जुटा है, जिससे साफ जाहिर है कि चीन फिलहाल पीछे हटने के इरादे में बिल्कुल भी नहीं है


 



 


अमेरिका द्वारा भारत के पास भेजा विध्वंसक युद्धपोत


 


चीन और भारत के दरम्यान जारी इसी तनातनी को देखते हुए अमेरिका ने भी अपना पक्ष साफ कर दिया है। और साथ ही हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन की हरकतों को जवाब देने के लिए अपने दो सबसे ख़ौफनाक हथियारों को भी उतार दिया है। ये अ‍मेरिकी हथियार हैं ओहियो क्‍लास की क्रूज मिसाइल सबमरीन यूएसएस जॉर्जिया और एयरक्राफ्ट कैरियर यूएसएस रोनाल्ड रीगन। ये इतने बड़े विनाशक हैं कि किसी भी देश को पलक झपकते त‍बाह कर सकते हैं। 


 


 


यूएस जॉर्जिया एटम बम ले जाने की सलाहियत रखनेवाले मिसाइलों से लैस है। ये सबमरीन पानी से जमीन पर हमला कर सकनेवाले 154 टॉमहॉक क्रूज मिसाइलों से लैस है। ठीक इसी तरह अमेरिका के सुपरकैरियर्स में से एक यूएसएस रोनाल्ड रीगन परमाणु शक्ति से चलने वाला ऐसा एयरक्राफ्ट कैरियर है, जिसमें 90 लड़ाकू विमान और हेलिकॉप्टर्स के अलावा 3000 के आसपास नौसैनिक तैनात होते हैं। 


 


चीन ने किया समंदर में अमेरिकी जहाज़ का पीछा


 


चीन के लिए विनाश काले विपरीत बुद्धि की कहेंगे कि वो समंदर में अमेरिका का पीछा करने की गुस्ताखी कर रहा है। हाल ही में अमेरिका का मिसाइल विध्वंसक जॉन एस मैकेन दक्षिण चीन सागर में जब उसके कब्जे वाले द्वीपों के करीब से गुज़रा तो चीन ने उसके पीछे अपने जहाज और फाइटर भेजे। साथ ही ये कह कर अमेरिका को ललकारने की कोशिश की कि वो अपनी गतिविधियों से चीन को उकसाने की कोशिश कर रहा है। 


 



 


"मुंहतोड़ जवाब के लिए तैयार भारत"


 


हालांकि अमेरिका ने चीन के ऐतराज़ को दो टुक जवाब दिया और कहा कि चीन भारत, ऑस्ट्रेलिया, जापान और अमेरिका यानी क्वाड देशों के लिए खतरा पैदा करना चाहता है। अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रॉबर्ट ओ ब्रायन ने भी कहा कि 


 


भारत चीन बॉर्डर पर चीन जिस तरह अपनी ताकत के दम पर हालात काबू में करने की कोशिश कर रहा है, वो उसकी विस्तारवादी सोच का सबूत है। अगर चीन अपना रवैया नहीं बदलता है, तो भारत भी पूरी तरह तैयार है। 


 


वैसे भारत की तैयारियों को आप इसी से समझ सकते हैं कि भारतीय वायुसेना का बोइंग-सी17 ग्लोबमास्टर को लद्दाख में तैनात कर रखा है. भारतीय वायुसेना के चिनूक हेलीकॉप्टर एलएसी पर उड़ान भर रहे हैं। लद्दाख के लेह एयरबेस से वायुसेना के मिग-29 ने भी उड़ान भरी है। ऊंची चोटियों पर तो ख़ैर हमारे रणबांकुरे तैनात हैं ही। ऐसे में चीन की किसी भी ग़लती का उसे जबरदस्त खामियाज़ा भुगतना पड़ सकता है।


 


 


 


 


 


 


 


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