बलिया हत्याकांड ने खड़े किए सवाल,कैसे लगेगी अपराध पर लगाम ?
बलिया में कोटे की दुकान को लेकर अधिकारियों के सामने गोली मारकर एक शख्स की हत्या कर दी गई..हत्या करने वाला कोई और नहीं बल्कि बीजेपी का सक्रिय नेता ही है..जहां योगी सरकार अपराध पर लगाम लगाने के लिए कड़े फैसले ले रही है..वहीं इस हत्याकांड ने कानून व्यवस्था की कलई खोल कर रख दी है..देखें ये रिपोर्ट..
कोटे की दुकान के आवंटन को लेकर उत्तर प्रदेश के बलिया स्थित दुर्जनपुर में खुलेआम गोलियां चलीं.. मारे गए जयप्रकाश पाल के भाई तेज प्रताप पाल का आरोप है... कि आरोपी धीरेंद्र प्रताप सिंह भाजपा का नेता है और विधायक सुरेंद्र सिंह का खास है.. उनके दबाव में पुलिस ने पकड़ने के बाद आरोपी को भगा दिया.. इधर, विधायक सुरेंद्र सिंह ने इस मामले में विवादित बयान दिया है.. उन्होंने घटना को क्रिया की प्रतिक्रिया बताया है..अपने बयानों को लेकर अक्सर विवादों में रहने वाले बैरिया विधानसभा से विधायक सुरेंद्र सिंह ने बलिया फायरिंग कांड में भी विवादित बयान दिया..उन्होंने कहा कि अगर कोई परिवार पर हमला करेगा तो सामने वाला क्रिया की प्रतिक्रिया देगा ही..
हालांकि उनके बयान पर आलोचना शुरू हुई तो उन्होंने कहा..आपको पता नहीं वहां क्या हुआ.. दोनों तरफ से पथराव हुआ.. डंडे चले। किसने फायरिंग की, पता नहीं.. फिलहाल जिसने भी यह किया हो, वह सरेंडर नहीं करेंगे तो दंड मिलेगा.. अपराध किए हैं तो क्षमा नहीं मिलेगी..इससे पहले सुरेंद्र सिंह ने हाथरस केस को लेकर भी अटपटा बयान दिया था..
वहीं कोटे की दुकान के आवंटन को लेकर हुए गोलीकांड में पुलिस ने आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए कार्रवाई तेज कर दी है.. इस घटना में मारपीट व गोली चलने से जयप्रकाश उर्फ गामा पाल की मौत हो गई थी.. इस मामले में पुलिस ने मुख्य आरोपित धीरेंद्र प्रताप सिंह के घर पर छापेमारी की कार्रवाई की.. इस दौरान उसके घर पर हत्यांरोपित के करीबी माने जाने वाले भाजपा विधायक सुरेंद्र सिंह ने तोड़फोड़ करने का पुलिस पर आरोप लगा है..वहीं वारदात के बाद घटनास्थल का निरीक्षण खुद डीआइजी आजमगढ़ सुभाष चंद्र दुबे ने किया.. उन्होंने पुलिस को दोषियों की गिरफ्तारी व कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया है.. वहीं उन्होंनने मृत जयप्रकाश के परिजनों से भी मुलाकात की और परिजनों को किसी भी आरोपित के न बचने का भरोसा दिया..वहीं मृतक के बेटे ने क्या कुछ कहा आइए सुनाते हैं..
वहीं पुलिस आरोपित के घर दबिश देने गई तो आरोपित घर से फरार मिला.. इस दौरान परिजनों से पूछताछ कर विभिन्न स्थानों पर पुलिस की छापेमारी रातभर चलती रही.. हालांकि आरोपित के कहीं न मिलने से पुलिस की कार्रवाई जारी रही.. विरोधी दलों के निशाने पर जहां आरोपित के सत्तार पक्ष से जुड़े होने को लेकर आरोप है.. तो वहीं शासन की ओर से सख्तर कार्रवाई का निर्देश आने के बाद से ही पुलिस आरोपित को लेकर अब कोई ढिलाई बरतने को तैयार नहीं है..
बता दें..दुर्जनपुर में कोटे की दुकान को लेकर दो गुटों में काफी दिनों से विवाद चल रहा है..अधिकारियों के समक्ष कोटे की दुकान आवंटन को लेकर विवाद के बाद फायरिंग ने पुलिस की व्यवस्था की कलई खोल दी थी.. मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने इस गंभीर मामले का संज्ञान लेते हुए एसडीएम सुरेश चंद्र पाल व सीओ चंद्रकेश सिंह समेत सात सिपाहियों को निलंबित करने का निर्देश दिया था.. इस घटना में मृत जयप्रकाश के साथ मुख्य आरोपित धीरेंद्र सिंह डब्लू का भूमि विवाद भी पहले से रहा है.. वहीं हत्यां का मुख्य आरोपित धीरेंद्र प्रताप सिंह डब्लू भाजपा का सक्रिय कार्यकर्ता था.. और विधायक सुरेंद्र सिंह का काफी करीबी भी माना जाता है.. पुलिस ने गांव में सुरक्षा कारणों से भारी संख्या में फोर्स तैनात कर दी है..
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