मंगलवार, 14 जुलाई 2020

विकास दुबे के खिलाफ FIR कराने वाला राहुल तिवारी लापता, तलाश में जुटी UP पुलिस

उत्तर प्रदेश के कानपुर शूटआउट केस में गैंगस्टर विकास दुबे  के मारे जाने के बाद अब एक नया मोड़ आ गया है |



कानपुर | उत्तर प्रदेश के कानपुर शूटआउट केस  में गैंगस्टर विकास दुबे  के मारे जाने के बाद अब एक नया मोड़ आ गया है | विकास दुबे के खिलाफ पुलिस में शिकायत करने वाला शख्स राहुल तिवारी लापता हो गया है | राहुल द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर पर ही 3 जुलाई की अल सुबह पुलिस की टीम विकास दुबे को पकड़ने बिकरू गांव गई थी | डीएसपी देवेन्द्र मिश्रा के नेतृत्व में गई पुलिस टीम पर हमला कर दिया गया, जिसमें डीएसपी मिश्रा समेत 8 पुलिस जवान शहीद हो गए | इसी मामले में मुख्य आरोपी विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद अब नई जानकारी सामने आई है |

गैंगस्टर विकास दुबे के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने वाले राहुल तिवारी के परिवार के सदस्यों के मुताबिक वो लापता है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस ने कहा कि राहुल तिवारी शिकायतकर्ता होने के अलावा उन घटनाओं से जुड़े मामले का प्रमुख गवाह है, जिनके कारण यह घटना हुई. कानपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दिनेश कुमार पी ने कहा कि राहुल की जान को भी गंभीर खतरा है. डिप्टी एसपी सुकर्म प्रकाश के नेतृत्व में एक टीम उसकी तलाश कर रही है |


2 जुलाई से ही लापता |

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, राहुल तिवारी की मां सुमन देवी ने बताया कि राहुल ने आखिरी बार उनसे 2 जुलाई की रात को बात की थी. उसने फोन पर डरी हुई आवाज में बात की, इसके बाद अपनी पत्नी, बच्चों और भाभी के साथ गायब हो गया. बता दें कि पुलिस की जांच के अनुसार, बिकरू से सटे जडेपुर निवाड़ा गांव में रहने वाले राहुल तिवारी, मोनिका निवाड़ा गांव में अपनी ससुराल से संबंधित ज़मीन का निपटान करना चाहते थे, जो आसपास के इलाके में भी स्थित है. उनकी पत्नी की बहनों ने प्रस्तावित बिक्री का विरोध किया. उनमें से एक (जो बिकरू में रहता है) पक्ष ने मामले में विकास दुबे के हस्तक्षेप की मांग की. पुलिस जांच के अनुसार, राहुल तिवारी को 1 जुलाई को दुबे द्वारा सार्वजनिक रूप से धमकी दी गई और पीटा गया. अगले दिन उन्होंने चौबेपुर के तत्कालीन स्टेशन अधिकारी विनय तिवारी को एक लिखित शिकायत दी थी |

डीएसपी के हस्तक्षेप से एफआईआर |


पुलिस के अनुसार, चौबेपुर थाना प्रभारी ने शिकायत दर्ज करने के बजाय राहुल तिवारी को उनके साथ जाने के लिए कहा और दुबे से सुलह के लिए मुलाकात की. इस घटना के बाद 2 जुलाई की शाम को बिल्हौर सर्कल अधिकारी, डीएसपी देवेंद्र मिश्रा के हस्तक्षेप पर एफआईआर दर्ज की गई थी. कुछ घंटे बाद मिश्रा ने एक टीम को इकट्ठा किया, जिसमें तीन पुलिस स्टेशन के अधिकारियों सहित 25 पुलिसकर्मी शामिल थे. फिर बिकरू पर छापा मारा गया, जहां गैंगस्टर और उसके लोगों ने पुलिस टीम पर घात लगाकर हमला किया और उनमें से 8 को मार डाला. गोलीबारी में पांच पुलिसकर्मी, एक होमगार्ड और एक नागरिक घायल हो गए.



 




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