गुरुवार, 16 जुलाई 2020

उत्तर प्रदेश बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह 1 साल बीतने के बाद भी नहीं बना पाए अपनी टीम

लखनऊ. उत्तर प्रदेश बीजेपी का प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह  को बने एक साल हो गया. प्रदेश अध्यक्ष को 16 जुलाई 2019 को अध्यक्ष नामित किया गया था. उसके बाद उनका जनवरी 2020 में निर्वाचन हुआ. छात्र राजनीति से सार्वजनिक जीवन की शुरुआत करने वाले बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष का एक साल का कार्यकाल चुनौतियों से भरा रहा. क्योंकि माना जा रहा है कि कोरोना काल में उन्होंने संगठन का काम को अनवरत जारी रखना किसी चुनौती से कम नहीं था.  लेकिन इस एकसाल के भीतर वे अपनी टीम नहीं बना पाए. नई टीम के लिए उन्हें अब भी केन्द्रीय नेतृत्व की ​हरी झंडी का इंतजार है.

स्वतंत्र देव सिंह जब अध्यक्ष बने थे तो वे यूपी सरकार में परिवहन मंत्री थे. बाद में एक व्यक्ति एक पद के सिद्धांत पर काम करते हुए परिवहन मंत्री के पद से त्यागपत्र दे दिया था. संगठन में काम के अनुभव और जातीय समीकरण में फिट बैठने के कारण स्वतंत्रदेव सिंह को अध्यक्ष बनाया गया था. स्वतंत्रदेव सिंह लंबे समय तक अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता रहे हैं. नब्बे के दशक में विद्यार्थी परिषद के संगठन मंत्री बनाए गए थे. उसके बाद 2001 में युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष बने.



कानपुर है कर्मस्थली

मिर्जापुर के मूल निवासी स्वतंत्रदेव सिंह की कर्मस्थली कानपुर और बुंदेलखंड रही है. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष की असली परीक्षा 2022 में होगी, जिसके लिए वो एक साल बीतने के बाद भी अपनी टीम नहीं बना पाए हैं. टीम नहीं बनाए जाने के सवाल पर स्वतंत्रेदव सिंह कहते हैं कि संगठन अनवरत काम कर रहा है. जिला स्तर पर उनकी टीम तैयार है और वो कोरोनाकाल में भी काम करती रही है. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष कहते हैं कि मिशन 2022 की तैयारियों को लेकर संगठन लगातार बूथ सम्मेलन, मंडल सम्मेलन, सेक्टर सम्मेलन, तीन बड़ी वर्चुअल रैलियां, विधानसभावार सम्मेलन जैसे काम कर रहा है. कोरोना के चलते टीम गठन के काम में देरी जरुर हो गई, लेकिन बीजेपी का कार्यकर्ता पद के लिए नहीं बल्कि देश के लिए काम करता है.


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