शनिवार, 18 जुलाई 2020

बड़ा खुलासा : विकास दुबे और जय बाजपेई के बीच 1 साल में 75 करोड़ का लेनदेन , IPL के सट्टे में लगाए 5 करोड़ - जांच कमेटी ने ईडी को भेजे दस्तावेज़

पुलिस की जांच में पता चला है कि विकास दुबे और जय बाजपेई के बीच पिछले एक साल में 75 करोड़ रुपए की लेनदेन हुआ . ये लेनदेन करीब 6 बैंक खातों से किये गए .


कानपुर. उत्तर प्रदेश के कानपुर में एनकाउंटर में मारे गए दुर्दांत अपराधी विकास दुबे और उसके करीबी जय बाजपेई को लेकर कई खुलासे हो रहे हैं. पुलिस की जांच में पता चला है कि विकास दुबे और जय बाजपेई के बीच पिछले एक साल में 75 करोड़ रुपए की लेनदेन हुआ ये लेनदेन करीब 6 बैंक खातों से किये गए . यही नहीं 5 करोड़ रुपए आईपीएल के सट्टे में भी लगाए जाने की बात सामने आई है.




पुलिस ने ईडी को भेजे दस्तावेज

मामले में यूपी पुलिस ने सभी दस्तावेज ईडी को भेज दिए हैं. पुलिस जांच में ये भी खुलासा हुआ है कि विकास और जय के बीच सिर्फ बैंक खातों से ही नहीं कैश में भी करोड़ों की लेनदेन हुआ . ये भी पता चला है कि इन्होंने आईपीएल के सट्टे में भी 5 करोड़ रुपए लगाए थे. पुलिस और एसटीएफ की जांच में खुलासा हुआ है कि आरोपी जय बाजपेई बीसी चलाता था. वहीं विकास की काफी रकम सट्टे में लगाता था. जय बाजपेई ऑनलाइन सट्टा लगाता था. इस सट्टे में विदेशी लोगों की संलिप्तता पाई गई है.


इनकम टैक्स विभाग भी जुटा जांच में

बता दें विकास दुबे के फंड मैनेजर जय बाजपेई पर जांच एजेंसियों ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. आयकर विभाग की बेनामी विंग उसकी 9 संपत्तियों की जांच करेगी. जय बाजपेई के खिलाफ ईडी  भी अपनी जांच शुरू कर चुका है. बेनामी विंग जय के ब्रह्मनगर में 6 मकान, आर्यनगर में 2 मकान और पनकी में 1 मकान की खरीद-फरोख्त का ब्यौरा जांचेगा.

एसआईटी को मिला लखनऊ में दफ्तर

उधर लखनऊ से खबर है कि कानपुर कांड और विकास दुबे एनकाउंटर मामले में गठित की गई विशेष जांच दल को लखनऊ में अपना दफ्तर मिल गया है. एसआईटी ने दफ्तर में काम शुरू कर दिया है. एसआईटी का ये दफ्तर बापू भवन की चौथी मंजिल पर रूम नंबर 401 में बनाया गया है. दफ्तर में एसआईटी ने मामले में बयान दर्ज करने का काम शुरू कर दिया है. एसआईटी के अध्यक्ष सीनियर आईएएस संजय भूसरेड्डी ने बताया कि इस केस के संबंध कोई भी शख्स sit-kanpur@up.gov.in पर ईमेल से संपर्क कर सकता है या 0522-2214540 फोन नंबर पर जानकारी दे सकता है.

बिकरु कांड, विकास दुबे या उसके गैंग से जुड़ी कोई भी सूचना एसआईटी को दी जा सकती है. यही नहीं मामले में अधिकारियों की मिलीभगत की जानकारी भी एसआईटी को दी जा सकती है. उन्होंने बताया कि दिन में 12 से 2 बजे तक सूचना दी जा सकती है.


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