सोमवार, 4 मई 2020

यू पी बोर्ड - बीमार, अशक्त और बुजुर्ग शिक्षक नहीं करेंगे मूल्यांकन

5 मई से शुरू हो रहे यूपी बोर्ड की कॉपियों के मूल्यांकन से बीमार, अशक्त और बुजुर्ग शिक्षकों को दूर रखा जाएगा। सचिव नीना श्रीवास्तव ने शनिवार को सभी मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक और जिला विद्यालय निरीक्षक को भेजे गए पत्र में निर्देश दिया गया है कि जो अध्यापक शारीरिक रूप से अशक्त या अस्वस्थ्य हों या 65 साल से अधिक उम्र के हों उनसे मूल्यांकन न कराया जाए। बोर्ड ने हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की लगभग तीन करोड़ नौ लाख कॉपियों को जांचने के लिए 146755 शिक्षकों की ड्यूटी लगाई है। इनमें से 3257 शिक्षक ऐसे हैं जिनकी आयु 65 वर्ष या इससे अधिक है। नई गाइडलाइन के अनुसार ये तीन हजार से अधिक शिक्षकों को मूल्यांकन कार्य में नहीं लगाया जाएगा। 


 


कुछ मूल्यांकन केंद्रों में पीएसी ठहरी या बने हैं क्वांरटीन सेंटर
प्रदेशभर के 75 जिलों में बनाए गए 275 मूल्यांकन केंद्रों में से कुछ में मूल्यांकन होना मुश्किल लग रहा है। इनमें या तो पीएसी की बटालियन ठहरी है या क्वारंटीन सेंटर बना दिए गए हैं। उदाहरण के तौर पर प्रयागराज में ही अग्रसेन इंटर कॉलेज में 25 मार्च से पीएसी ठहरी है। वहां के प्रधानाचार्य डॉ. आद्या प्रसाद मिश्र ने डीआईओएस आरएन विश्वकर्मा को पत्र लिखकर कहा है कि स्कूल में मूल्यांकन कावाना संभव नहीं है।



 


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