सीएम योगी बोले-एमएसएमई सेक्टर को बनाएंगे हब, 90 लाख रोजगार के अवसर देने की तैयारी
यूपी लौट रहे प्रवासी कामगारों के लिए रोजगार का सबसे बड़ा जरिया सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग (एमएमएमई सेक्टर) बनने जा रहा है। एक ओर यहां के उद्यमियों को बड़ी राहत देने की तैयारी की जा रही है तो दूसरी ओर कामगारों को प्रशिक्षण दिलाने की तैयारी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की योजना नई यूनिट खोलने की तो है ही, साथ ही मौजूदा 90 लाख इस सेक्टर की यूनिटों में प्रवासी श्रमिकों को रोजगार दिलाने की है। इसमें ओडीओपी योजना भी शामिल है। इस तरह इनके जरिए ही 90 लाख रोजगार के अवसर बन सकते हैं।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया है कि हर एमएसएमई में रोजगार का एक अतिरिक्त अवसर पैदा किया जाय। रविवार को अपने निर्देश में मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना के मौजूदा संकट ने हमको यह अवसर दिया है। हम इसे चुनौती के रूप में स्वीकार कर प्रदेश को एमएसएमई सेक्टर का हब बनाएंगे। इससे न्यूनतम पूंजी, न्यूनतम जोखिम में स्थानीय स्तर पर लोगों को रोजगार मिलेगा। साथ ही नये उप्र का निर्माण भी होगा।
12 से 20 मई तक लगाए जाएंगे लोन मेले
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस सेक्टर के तहत इकाई लगाने वाले उद्यमी 1000 दिनों के आखिरी सौ दिनों में आवेदन कर अनापत्ति प्रमाणपत्र प्राप्त कर सकेंगे। इकाई लगाने वाले हर उद्यमी को आसान शर्तों पर बैंकर्स लोन देंगे। इसके लिए हर जिले में 12 से 20 मई तक विशाल लोन मेले आयोजित होंगे। इसके लिए ऑनलाइन आवेदन करना होगा। राज्य स्तरीय बैंकर्स कमेटी की बैठक में बैंकर्स को इस बाबत निर्देश दिए जा चुके हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अधिक से अधिक उद्यमी प्रदेश में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग की इकाइयां लगाएं, इसके लिए अधिकारी संबंधित लोगों को मोटीवेट करें। यह कैसे करना है इसके लिए जितनी जल्दी संभव हो विस्तृत कार्ययोजना तैयार करें। मंदी के बावजूद पिछले तीन वर्षों में प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय की वृद्धि में इस सेक्टर का महत्वपूर्ण योगदान है। आगे हम इसी के जरिए प्रति व्यक्ति आय में और इजाफा करेंगे।
जल्द कैबिनेट में आएगा मसौदा
इस क्षेत्र के उद्योगों के लगाने व संचालन की राह आसान करने की तैयारी है। सामान्य सरल औपचारिकता पूरी करने पर ही उद्योग लगाए जा सकेंगे। बाकी औपचारिकताएं उन्हें इसके 900 से 1000 दिन के अंदर पूरी करनी होंगी। एमएसएमई विभाग ने इस संबंध में सूक्ष्म व लघु मध्यम,उद्योग विकास अधिनियम 2020 का मसौदा तैयार किया है। इसे जल्द कैबिनेट से मंजूर कराया जाएगा। इसी तरह की व्यवस्था राजस्थान में लागू है और वहां इसे इस सेक्टर में भारी तादाद में उद्योग लगने का रास्ता साफ हुआ है। यूपी में एमएसएमई के तहत यह सुविधा तंबाकू, बीड़ी, पान मसाला उद्योग जैसे उन यूनिट को नहीं मिलेगी जो स्वास्थ्य व पर्यावरण से जुड़े हैं।
राज्य स्तर पर बनेगी नोडल एजेंसी
मसौदे में कहा गया है कि पहले एक राज्य स्तरीय नोडल एजेंसी बनेगी जो एमएसएमई यूनिट लगने की राह में आ रही अड़चनों को दूर करेगी व समाधान निकालेगी। इसके लिए फैसीसिलेट कांउसिल की स्थापना होगी। प्रदेश सरकार की कोशिश इस सेक्टर के जरिए भारी तादाद में रोजगार दिलाना है।
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