सोमवार, 4 मई 2020

कोरोना वायरस: संकट में सऊदी अरब लेने जा रहा ये कड़े फ़ैसले

सऊदी अरब के वित्त मंत्री मोहम्मद अल-जदान ने शनिवार को कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण से अर्थव्यवस्था पर जो चोट पहुंची है उससे निपटने के लिए कड़े और तकलीफ़देह फ़ैसले लिए जाएंगे. उन्होंने कहा कि इस संकट से निकलने के लिए सारे विकल्प खुले हैं.


अल-अरबिया टीवी को दिए इंटरव्यू में अल-जदान ने कहा कि सऊदी अरब बजट खर्चों में भारी कटौती करेगा. उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस का असर इस साल की दूसरी तिमाही में अर्थव्यवस्था पर स्पष्ट रूप से दिखेगा. अल-जदान ने कहा कि सऊदी अरब के वित्त मामलों को टाइट किया जाएगा ताकि सब कुछ और अनुशासित रहे.


सऊदी के वित्त मंत्री ने कहा कि मुल्क भीतर मेगा प्रोजेक्ट के खर्चों में भी कटौती की जाएगी. दुनिया का सबसे बड़ा तेल निर्यातक देश सऊदी अरब ऐतिहासिक रूप से तेल की कम क़ीमतों से जूझ रहा है.


सऊदी अरब के केंद्रीय बैंक में विदेशी मुद्रा भंडार मार्च महीने में पिछले 20 सालों में सबसे तेजी से गिरा है. 2011 के बाद सबसे निचले स्तर पर आ गया है.


तेल की क़ीमत गिरने के बाद से पहली तिमाही में 9 अरब डॉलर का बजट घाटा हुआ है. जदान ने पिछले महीने कहा था कि सऊदी अरब इस साल 26 अरब डॉलर का क़र्ज़ ले सकता है ताकि विदेशी मुद्रा भंडार को संतुलित रखा जा सके. सऊदी अरब की मॉनेटरी अथॉरिटी ने मंगलवार को कहा था कि मार्च में सऊदी अरब की विदेशी संपत्ति में 464 अरब डॉलर की गिरावट आई है. यह पिछले 19 सालों में सबसे निचले स्तर पर है. सऊदी का कहना है ऐसा कोरोना वायरस की महामारी के कारण हुआ है.


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