गुरुवार, 7 मई 2020

हिज्बुल के टॉप कमांडर रियाज नायकू ने बनाई थी यूपी में आतंकी हमले की योजना

कश्मीर के बेगपुरा में बुधवार को मुठभेड़ में मारा गया हिज्बुल मुजाहिदीन का शीर्ष कमांडर रियाज नायकू कानपुर के चकेरी से पकड़े गए आतंकी कमरूज्जमा का आका था। करीब दो साल पहले दोनों मिलकर कानपुर में आतंकी घटना को अंजाम देने वाले थे पर कमरूज्जमा के पकड़ने के बाद सारी योजना ध्वस्त हो गई। एनआईए के सूत्रों के मुताबिक कमरूज्जमा उर्फ कमरुद्दीन रियाज के दिशा-निर्देश में काम करता था। 


कानपुर के कई प्रमुख मंदिरों पर हमला करने की फिराक में रहने वाले कमरूज्जमा को चकेरी से सितम्बर 2018 में एटीएस और एनआईए की टीम ने ज्वाइंट ऑपरेशन के दौरान गिरफ्तार किया था। पूछताछ में आतंकी ने कई राज उजागर किए थे। बुधवार को जब पुलवामा में सेना के ऑपरेशन में रियाज नायकू मारा गया तो चौंकाने वाला खुलासा हुआ। एनआईए ने लखनऊ कोर्ट में जिस कमरूज्जमा के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी उसी चार्जशीट में दुर्दांत आतंकवादी रियाज नायकू का नाम भी शामिल है। खुफिया एजेंसी की विवेचना में यह तथ्य सामने आए थे कि कानपुर में रेकी के दौरान कमरूज्जमा बराबर रियाज नायकू के संपर्क में था और उसे फोन पर सूचनाओं का आदान-प्रदान करता था। 


एक दिन में दस से ज्यादा बार बात 
विशेष न्यायालय में एनआईए ने सबूत के तौर पर कमरूज्जमा की कॉल डिटेल रिपोर्ट भी दाखिल की है, जिसमें साफ है कि रियाज नायकू से एक दिन के भीतर उसने दस से ज्यादा बार बात की। हर कॉल में तकरीबन 10 से 15 मिनट तक बात की गई। कई-कई बार आधे घंटे तक भी दोनों आतंकियों के बीच वार्ता हुई।



कौशल किशोर शर्मा, वरिष्ठ अधिवक्ता एनआईए कहते हैँ कोर्ट में जो केस चल रहा है उसमें कॉल डिटेल शामिल की गई है। उसमें कमांडर से बातचीत के सबूत हैं। इसीलिए चार्जशीट में भी नायकू का नाम भी शामिल किया गया था। अभी और जांच चल रही है इसलिए विस्तार से फिलहाल कुछ नहीं कहा जा सकता। 


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