बुधवार, 13 मई 2020

एक हजार टन सोने की भविष्यवाणी करने वाले शोभन सरकार हुए ब्रह्मलीन


कानपुर।  सात साल पहले उन्नाव में एक हजार टन सोने की भविष्यवाणी कर राष्ट्रीय और अन्तरराष्ट्रीय मीडिया में सुर्खियों में रहने वाले विरक्तानंद जी महाराज (शोभन सरकार) बुधवार को ब्रह्मलीन हो गये। उन्होंने अपने आश्रम स्थित आरोग्यधाम अस्पताल में अंतिम सांस ली। शोभन सरकार के ब्रह्मलीन होने की खबर जैसे ही भक्तों में लगी तो लॉकडाउन की परवाह किये बिना भक्तों का तांता आश्रम में लगने लगा। राजनेताओं, समाजसेवियों से लेकर प्रशासनिक अधिकारियों ने भी बाबा के अंतिम दर्शन किये और उनके पार्थिव शरीर को चौबेपुर स्थित दूसरे आश्रम सिंहोडे ले जाया गया जहां उनका अंतिम संस्कार किया गया।



     उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात के शिवली स्थित शोभन सरकार के महंत 1008 स्वामी विरक्तानंद जी महाराज (शोभन सरकार) 71 वर्ष की उम्र में बुधवार को ब्रह्मलीन हो गये। उन्होंने बुधवार को अपने आश्रम स्थित आरोग्यधाम अस्पताल में अंतिम सांस ली। इन्होंने सात साल पहले पड़ोसी जनपद उन्नाव के डौंडियाखेड़ा गांव में एक हजार टन सोने के भंडार की भविष्यवाणी की थी और इंटरनेशनल मीडिया तक चर्चा में आ गये थे। उनके देहांत की खबर लगते ही इलाके में शोक की लहर दौड़ गई और लोगों की भीड़ कोरोना संक्रमण का खौफ भूलकर आश्रम की ओर उमड़ पड़ी।




      शिवली थानाक्षेत्र के शुक्लन पुरवा के रहने वाले पंडित कैलाश नाथ तिवारी के घर जन्मे सूर्यभान तिवारी बचपन से ही पूजा पाठ में लगे रहते थे। इसी के चलते 11 साल की उम्र में उन्होंने वैराग्य धारण कर लिया और शोभन सरकार आकर पूजा पाठ करने लगे। यहां के महंत रघुनंदन स्वामी ने उनकी सेवा भाव को देख 1970 में महंत की पदवी प्रदान कर शोभन सरकार की पूरी जिम्मेदारी सौंप दी। शोभन सरकार की पदवी मिलने के बाद उनका नाम महंत विरक्ता नन्द हो गया था।शोभन सरकार ने गांव के लोगों के लिए कई तरह के जनहित के काम किए हैं। यही वजह है कि गांव वाले भी उन्हें अब भगवान की तरह मानने लगे। कानपुर ही नहीं आसपास के कई जिलों तक में उनके भक्त हैं।




      शोभन सरकार ने वर्ष 2013 में उन्नाव जिले के डौंडिया खेड़ा गांव में राजा राव रामवख्श के खंडहर हो चुके महल में एक हजार टन सोने का भंडार होने का सपना देखने का दावा किया था। स्वतंत्रता संग्राम के दौरान अंग्रेजों ने महल पर कब्जा कर राजा राव रामबख्श को फांसी दे दी थी। उन्होंने प्रदेश सरकार को जानकारी दी थी कि इस महल के भूगर्भ में हजारों टन सोना दबा है। इसके बाद एएसआई ने 18 अक्टूबर को राजा राव रामबख्श के खंडहर महल में खुदाई शुरू कराई। जियोलॉजिकल ऑफ इंडिया ने एएसआई को 29 अक्टूबर को रिपोर्ट दी थी, जिसमें उसने कहा था कि महल के नीचे सोना, चांदी या अन्य धातु दबी हो सकती है। करीब एक महीने तक चली खुदाई का काम काम 19 नवंबर, 2013 को पूरा हुआ, लेकिन सोना का भंडार न मिलने पर खुदाई रोक दी गई।



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