बिहार में कोरोना पाॅजिटिव की तादाद बढ़कर 830 हुई, प्रदेशी बाबू की वजह से 37 जिलों में फैला है कोरोना, 225 परदेसी बाबू भी निकले कोरोना संक्रमित।
बिहार (अफजल इमाम ’’मुन्ना’’)। देश-दुनिया में महामारी का रूप ले चुका ’कोविड-19’ यानी कोरोना वायरस को लेकर बिहार के लोग भी काफी परेशान हैं। क्योंकि, सूबे बिहार में लाॅकडाउन-थ्री का आज 12 मई को 9वां दिन है। फिर भी कोरोना संक्रमण के बढ़ने का सिल सिला थम नहीं रहा है। बिहार में कोरोना पाॅजिटिवों की तादाद निरंतर बढ़ती जा रही है। पिछले 24 घंटों के दौरान बिहार में 134 कोरोना पाॅजिटिव के केस सामने आए हैं। इसमें बीएमपी-14 के 14 जवान भी शामिल हैं। इसके साथ ही, सूबे बिहार में कोरोना पाॅजिटिव की तादाद बढ़कर अब 830 हो गई है। इसमें प्रदेशी बाबू की तादाद 225 है। जबकि 6 लोगों की मौत भी हो चुकी है। बिहार में कोरोना का संक्रमण अब 37 जिलों में फैल गया है। नए कोरोना पाॅजिटिव मरीजों में मुजफ्फरपुर जिला भी शामिल हो गया है। राज्य में र्सिफ एक मात्र जमुई ही ऐसा जिला बचा है, जहां एक भी कोरोना पाॅजिटिव के केस नहीं पाए गए हैं।
उधर, राज्य स्वास्थ्य विभाग की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक राज्य में आज 12 मई की रात तक सूबे बिहार के 19 जिलों से 81 नए कोरोना पाॅजिटिव के केस पाए गए हैं। इसमें खगड़िया में 16, पश्चिम चंपारण में 14, रोहतास में 13, बेगूसराय में 9-9, पटना में 7, मधुबनी में 4, मुजफ्फरपुर में 3, औरंगाबाद, दरभंगा व गोपालगंज में 2-2, बांका, सारण, पूर्णिया, कटिहार, भागलपुर, सीवान, अरवल, भोजपुर व सुपौल में 1-1 कोरोना पाॅजिटिव के केस मिले हैं। इसके साथ ही राज्य में ’कोविड-19’ यानी कोरोना वायरस से पीड़ितों की तादाद बढ़कर 830 हो गई है। इसके पूर्व राज्य में बीते 11 मई को 53 नए कोरोना पाॅजिटिव के केस मिले हैं। इसमें राज्य के 12 जिलों सहित राजधानी पटना स्थित बीएमपी-14 के 8 जवान भी संक्रमित पाए गए हैं। जबकि बीते 10 मई को राज्य में सर्वाधिक 96 नए कोरोना के केस मिले हैं। इधर, महिनों से लाॅकडाउन के चलते कोटा में फंसे छात्र-छात्राओं को लेकर 12 मई की देर शाम 09839 नंबर की एक स्पेशल ट्रेन समस्तीपुर जंक्शन के प्लेटफार्म नंबर एक पर पहुंची। इस ट्रेन में 14 जिलों के कुल 1321 छात्र-छात्राऐं सवार थे। जिला प्रशासन ने समस्तीपुर रेलवे स्टेशन पर सभी छात्र-छात्राओं की थर्मल स्क्रीनिंग कराई। उनके सामान को स्नेटाइज किया गया। रेलवे की ओर से सभी छात्र-छात्राओं को भोजन-पानी व नास्ता तक दिए गए। फिर उनका रजिस्ट्रेशन सहित अन्य जानकारी लेकर स्थानीय बच्चों को उनके माता-पिता को सर्शत सौंप दिया गया। ताकि वे उन बच्चों को होम क्वारेंटाइन में 21 दिनों तक रख सकें। बाकी जिलों के बच्चों को बस पर सवार कर संबंधित जिलों के प्रखंड मुख्यालयों में भेज दिया गया है।
दरअसल, बिहार में अन्य प्रदेशों से आ रहे प्रवासी मजदूर बिहार सरकार के लिए चुनौती बनते जा रहे हैं। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रवासियों के लिए जो आशंका जताई थी अब वह सच साबित होती हुई दिखाई दे रही है। जो प्रवासी मजदूर वापस ट्रेन से बिहार आ रहे हैं, उनमें कई कोरोना संक्रमित यानी पाॅजिटिव पाए गए हैं। अभी तक देश-विदेश से लौटे 225 प्रदेशी बाबू कोरोना पाॅजिटिव पाए गए हैं। इनकी वजह से 500 से ज्यादा लोग कोरोना वायरस के शिकार हुए हैं। देश के विभिन्न जगहों से बीते 4 मई से ही बिहार में विशेष ट्रेनों के माध्यम से बिहारी मजदूर व छात्र-छात्राऐं लौट रहे हैं। उनमें 160 कोरोना पाॅजिटिव पाए गए हैं। इसमें महाराष्ट्र, हरियाणा, गुजरात, पश्चिम बंगाल, तेलांगना, राजस्थान व दिल्ली से आए लोग ज्यादातर हैं। मात्र चार दिन में ही सुपौल, सहरसा, खगड़िया व मुजफ्फरपुर तक पहुंचे कोरोना संक्रमण के पीछे भी इसी को वजह माना जा रहा है। राज्य स्वास्थ्य सचिव लोकेश कुमार का भी कहना है कि लौट रहे प्रवासियों की वजह से बिहार में कोरोना के नए हाॅटस्पाॅट बनने लगे हैं। खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तक कह चुके हैं कि प्रवासी बिहार में कोरोना की नई चेन बना रहे हैं।
बिहार में अभी तक कुल 112 ट्रेनें आ चुकी हैं। जिनसे करीब 1.29 लाख प्रदेशी बाबू लौट चुके हैं। इतना ही नहीं, चुपचाप भी बड़ी तादाद में प्रदेशी बाबू बिहार आ रहे हैं। लोग रिक्सा, ठेला, साइकिल, मोटर साइकिल, एबंुलेंस, कंटेनर, ट्रक या फिर पैदल ही राज्य की सीमा में प्रवेश कर रहे हैं। ऐसे लोगों की तादाद का कोई आधिकारिक आंकड़ा तो सरकार के पास नहीं है। लेकिन, आपदा प्रबंधन विभाग का अनुमान है कि ऐसे लोगों की तादाद 5 से 7 हजार तक हो सकती है। बता दें कि, बाहर से लौटनेवाले लोगों का शिविरों में लक्षणों के आधार पर व रैंडम सेंपल जांच होने के बाद बीते 10 मई को राज्य में तो एक दिन में सर्वाधिक 96 मरीजों की तादाद में इजाफा हुआ है। ’यूटीआई न्यूज’ ने पहले ही यह आशंका व्यक्त कर चुका है कि प्रदेशी बाबू की वजह से बिहार में कोरोना पाॅजिटिव की तादाद और बढ़ सकती है। ऐसा दिख भी रहा है। बाहर से आनेवालों के लिए बिहार में 3474 प्रखंडों में क्वारेंटिन सेंटर स्थापित किए गए हैं। जबकि, राज्य में आपदा राहत के लिए 172 सेंटर स्थापित किए गए हैं। जहां पर 1,32,226 लोगों को रखा गया हैं। यहां पर उन लोगों के भोजन व चिकित्सकीय सुविधा प्रदान कराई जा रही है। राज्य में निर्धारित कार्यक्रम के मुताबिक सरकार के द्वारा बाहर से बिहारियों को वापस लाने के लिए 179 ट्रेनों की व्यवस्था की गई है। इसलिए प्रदेशी बाबू के आने का सिल-सिला अगले एक सप्ताह तक जारी रहना तय है।
यह भी बता दें कि, सूबे बिहार में कुल 38 जिले हैं। इसमें 37 जिले ऐसे हैं, जो कोरोना वायरस जैसे जानलेवा बीमारी की चपेट में आ चुके हैं। इन 37 जिलों में सबसे ज्यादा 115 मामले मुंगेर में ही सामने आए हैं। जबकि, पटना में 79, रोहतास में 72, बक्सर में 56, नालंदा में 51, बेगूसराय में 40, सीवान में 34, कैमूर में 32, मधुबनी में 29, खगड़िया में 27, भागलपुर में 26, पश्चिम चंपारण में 25, गोपालगंज में 22, भोजपुर में 21, औरंगाबाद में 17, दरभंगा में 16, पूर्वी चंपारण में 14, नवादा में 13, मुजफ्फरपुर व अरवल में 12-12, कटिहार में 11, सहरसा में 10, समस्तीपुर, किशनगंज, सारण व मधेपुरा में 9-9, शेखपुरा, बांका व गया में 8-8, सीतामढ़ी में 7, जहानाबाद में 5, अररिया, वैशाली, सुपौल, पूर्णिया व लखीसराय में 4-4, शिवहर में 3 कोरोना वायरस के पाॅजिटिव केस सामने आए हैं। राज्य में अब तक 37,430 सैंपलों की जांच की जा चुकी है। इसमें 830 कोरोना पाॅजिटिव पाए गए हैं। अभी तक 383 मरीज ठीक होकर घर भी जा चुके हैं।
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