बिहार में कोरोना पाॅजिटिव की तादाद बढ़कर 425 हुई, 29 जिलों में फैला कोरोना, बक्सर में बिहार-यूपी सीमा सील।
बिहार (अफजल इमाम ’’मुन्ना’’)। देश-दुनिया में महामारी का रूप ले चुका ’कोविड-19’ यानी कोरोना वायरस को लेकर बिहार के लोग भी काफी परेशान हैं। क्योंकि, बिहार में कोरोना संक्रमण लगातार बढ़ता ही जा रहा है। बीते 30 अप्रैल की रात तक राज्य में 22 कोरोना पाॅजिटिव मरीजों की बढ़ोतरी हुई है। इसके साथ ही सूबे बिहार में कोरोना पाॅजिटिव की तादाद बढ़कर अब 425 हो गई है। वहीं, राज्य में बक्सर के डुमरांव अनुमंडल का नया भोजपुर गांव अब कोरोना के कहर से हाॅटस्पाॅट बन चुका है। इस गांव में कोरोना पाॅजिटिव केस की तादाद बढ़कर 38 हो गई है। इसमें एक 6 महीने की दुधमुंही बच्ची भी कोरोना की चपेट में आ चुकी है। इस गांव के लोग भय के साए में जी रहे हैं। बिहार में कोरोना का संक्रमण तेजी से फैल रहा है। कोरोना वायरस जैसे जानलेवा बीमारी ने पश्चिम चंपारण में भी अपना पांव फैलाना शुरू कर दिया है। इस प्रकार राज्य में कोरोना वायरस से संक्रमित जिलों की तादाद बढ़कर अब 29 हो गई है।
उधर, राज्य स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार का कहना है कि 30 अप्रैल को राज्य में 22 नए कोरोना पाॅजिटिव केस सामने आए हैं। जांच के दौरान रोहतास में 11 नए केस मिले हैं। जबकि सीतामढ़ी में 4, मुंगेर के जमालपुर में 3, सारण व पटना में 2-2 कोरोना पाॅजिटिव केस पाए गए हैं। जबकि, बीते 29 अप्रैल को कोरोना वायरस के 37 पाॅजिटिव केस सामने आ चुके हैं। इसमें बक्सर के 14, पश्चिम चंपारण के 5, दरभंगा के 4, पटना व रोहतास के 3-3, बेगूसराय व भोजपुर के 2-2, वैशाली, औरंगाबाद, सीतामढ़ी व मधेपुरा के 1-1 कोरोना वायरस के पाॅजिटिव केस सामने आए हैं। इतना ही नहीं, कोरोना की प्रसार को रोकने के लिए बक्सर जिला प्रशासन ने बिहार व उत्तर प्रदेश (यूपी) की सीमा को सील कर दिया है। बक्सर के जिलाधिकारी अमन समीर का कहना है कि राज्य में बाहर से आने वाले लोगों से संक्रमण का खतरा पैदा हो सकता है। इसलिए बक्सर की उत्तर प्रदेश से लगी सीमा को पूर्णतः सील कर दिया गया है और चैबीस घंटे निगरानी की जा रही है। दियारा के इलाकों में गंगा नदी के लगे थाना क्षेत्रों के पुलिस को निगरानी करने को कहा गया है। क्योंकि इस जिले की सीमा उत्तर प्रदेश के गाजीपुर व बलिया जिला से लगी है। इसलिए वहां के प्रशासनिक अधिकारियों से भी सतर्कता करतने को कहा गया है। साथ ही, सीमा पर लगातार चैकसी रखी जा रही हैं। आवश्यक सामग्री वाली गाड़ी को भी बकायदा वाहन पास आदि की जांच पड़ताल करने के बाद ही जाने देने का निर्देश दिया गया है।
बता दें कि, राजधानी पटना स्थित एम्स में कोरोना वायरस के संक्रमण से मुंगेर निवासी सैफ अली की बीते 21 मार्च को और वैशाली के राघोपुर पूर्वी निवासी नवल किशोर राय की बीते 17 अप्रैल को मौत हो चुकी है। सूबे बिहार में कुल 38 जिले हैं। इसमें 29 जिले ऐसे हैं, जो कोरोना वायरस जैसे जानलेवा बीमारी की चपेट में आ चुके हैं। इन 29 जिलों में सबसे ज्यादा 95 मामले मुंगेर में ही सामने आए हैं। जबकि, रोहतास में 45, पटना में 44, बक्सर में 40, नालंदा में 35, सीवान में 30, कैमूर व गोपालगंज में 18-18, बेगूसराय व भोजपुर में 11-11, औरंगाबाद में 8, सारण, गया व सीतामढ़ी में 6-6, भागलपुर, पूर्वी चंपारण, मधुबनी, दरभंगा व पश्चिम चंपारण में 5-5, नवादा, अरवल, लखीसराय व जहानाबाद में 4-4, वैशाली व बांका में 3-3, मधेपुरा में 2, पूर्णिया, शेखपुरा व अररिया में 1-1 कोरोना वायरस के पाॅजिटिव केस सामने आए हैं। वर्तमान में राज्य के 6 प्रयोगशाला में कोरोना के संदिग्ध मरीज के ब्लड सैंपालों की जांच की जा रही है। राज्य में अब तक 23149 सैंपलों की जांच की जा चुकी है। इसमें 425 कोरोना पाॅजिटिव पाए गए हैं। जबकि, अभी तक 87 मरीज ठीक होकर घर भी जा चुके हैं। राज्य के विभिन्न अस्पतालों में अभी भी कोरोना के 336 एक्टिव संक्रमित इलाजरत हैं।
दूसरी ओर ’सन आॅफ मल्लाह’ के नाम से मशहूर मुकेश सहनी के नेतृत्व वाली विकासशील इंसान पार्टी यानी वीआईपी के युवा नेता शिवानंद बमबम ने बिहार में बढ़ रहे कोरोना पाॅजिटिव की तादाद पर चिंता व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार से घर-घर थर्मल स्क्रीनिंग कराने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा है कि सरकार के निर्देश पर आशा व आगंबाड़ी केन्द्र की सेविकाएं घर-घर जाकर सर्वे कर रही हैं। इसमें र्सिफ नाम-पता के साथ-साथ सर्दी व खासी के बारे में पूछताछ कर ही नोट करती हैं। इससे कोरोना जैसे बीमारी पर लगाम नहीं लग सकता है। वर्तमान में कोरोना वायरस की रोकथाम के नाम पर र्सिफ खानापूर्ति की जा रही है। कोरोना जैसे बीमारी पर लगाम के लिए घर-घर थर्मल स्क्रीनिंग की व्यवस्था बहुत जरूरी है। उन्होंने थर्मल स्क्रीनिंग व मरीजों की जांच के लिए पर्याप्त संख्या में जांच किट की राज्य सरकार से खरीदारी करने का आग्रह किया है। ताकि, डोर-टू-डोर स्क्रीनिंग की व्यवस्था के साथ जांच की जा सके। तभी यहां कोरोना वायरस जैसे जानलेवा बीमारी से निजात मिल सकती है।
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