रविवार, 17 मई 2020

बिहार में कोरोना पाॅजिटिव की तादाद बढ़कर 1080 हुई, अब प्रदेशी बाबू की वजह जमुई सहित सभी 38 जिलों में फैला गया है कोरोना, 440 ठीक भी हुए हैं।

 


बिहार (अफजल इमाम ’’मुन्ना’’)। देश-दुनिया में महामारी का रूप ले चुका ’कोविड-19’ यानी कोरोना वायरस को लेकर बिहार के लोग भी काफी परेशान हैं। क्योंकि, सूबे बिहार में लाॅकडाउन-3 का आज 16 मई को 13वां दिन है। फिर भी कोरोना संक्रमण के बढ़ने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब प्रदेशी बाबू की वजह से बिहार में कोरोना पाॅजिटिवों की तादाद लगातार बढ़ती जा रही है। पिछले 24 घंटों के दौरान बिहार में 81 नए कोरोना पाॅजिटिव के केस सामने आए हैं। इसमें राजधानी पटना के दीघा की रहने वाली एक 26 वर्षीया युवती का केस भी शामिल है। इसके साथ ही, सूबे बिहार में कोरोना पाॅजिटिव की तादाद बढ़कर अब 1080 हो गई है। इसमें प्रदेशी बाबू की तादाद 384 है। जबकि 7 लोगों की मौत भी हो चुकी है। खुशी की बात यह है कि अभी तक 440 मरीज ठीक होकर घर भी जा चुके हैं। बिहार में कोरोना का संक्रमण अब जमुई सहित सभी 38 जिलों में फैल गया है। यही वजह है कि यहां अब 18 मई से 31 मई तक के लिए लाॅकडाउन-4 की तैयारी चल रही है। खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पीएम नरेन्द्र मोदी से 31 मई तक के लिए लाॅकडाउन बढ़ाने का आग्रह किया है।


उधर, राज्य स्वास्थ्य विभाग की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक राज्य में आज 16 मई को दोपहर तक बिहार में 47 नए कोरोना पाॅजिटिव के केस पाए गए हैं। सहरसा में तीन और कोरोना पाॅजिटिव के केस मिले हैं। तीनों महाराष्ट्र के नंदूरबार मदरसा से 6 मई को सहरसा आए थे। समस्तीपुर में भी एक और नया कोरोना पाॅजिटिव का केस सामना आया है। पाॅजिटिव मरीज उजियारपुर का रहने वाला है। वह 7 मई को गुजरात से लौटा है। इसके बाद से उसे क्वारेंटाइन में रखा गया था। इसकी पुष्टि जिलाधिकारी शशांक शुभंकर ने की है। इस तरह जिले में कोरोना पाॅजिटिव की तादाद बढ़कर 12 हो गई है। इधर, जमुई जिला भी कोरोना वायरस की चपेट में आ चुका है। जहां यह जिला कोरोना वायरस से काफी दिनों तक अछूता रहा है। वहीं, 3 कोरोना पाॅजिटिव मिलने के बाद कुल मरीजों की तादाद बढ़कर 10 हो चुकी है। बीते 15 मई को भी दिल्ली से अपने भाई के साथ आई दीघा की एक 26 वर्षीय युवती की जांच रिपोर्ट पाॅजिटिव आई है। जबकि, उसके भाई की रिपोर्ट निगेटिव आई है। दीघा के युवती की जांच रिपोर्ट पाॅजिटिव आने के बाद पटना में कोरोना संक्रमितों की तादाद बढ़कर 100 हो गई है। लखीसराय में बीते 15 मई की देर शाम एक 27 वर्षीय गर्भवती महिला कोरोना पाॅजिटिव पाई गई है। यह महिला हलसी के मोहद्दीनगर से बीते 14 मई की रात पाॅजिटिव पाई गई 3 वर्षीय बच्ची की मां है। पिता की जांच रिपोर्ट अभी तक नहीं आई है। ये सभी लोग मुंबई से बेलोरो द्वारा हाल ही में लखीसराय आए थे। हैरानी की बात यह है कि इस गर्भवती महिला की 10-15 दिनों के बाद ही डिलिवरी होने वाली है। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग व जिला प्रशासन के लिए यह चुनौतीपूर्ण मामला उभरकर सामने आया है। दूसरी ओर एक आईएएस अधिकारी की रिपोर्ट भी पाॅजिटिव आई है। 2017 बैच के यह अधिकारी नालंदा में पोस्टेड हैं। उन्हें पाटलिपुत्रा होटल में बने आइसोलेशन सेंटर में भेज दिया गया है। उनकी कोई ट्रेवल हिस्ट्री नहीं है। माना जा रहा है कि वो किसी स्थानीय संक्रमित के संपर्क में आए होंगे। इस अधकारी के संपर्क में आने वाले लोगों को आइसोलेट कर उनके सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं।



दरअसल, बिहार में अन्य प्रदेशों से आ रहे प्रवासी मजदूर यानी प्रदेशी बाबू राज्य सरकार के लिए अब चुनौती बनते जा रहे हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रवासियों के लिए जो आशंका जताई थी, वह अब सच साबित होती हुई साफ दिखाई दे रही है। जो प्रवासी मजदूर वापस ट्रेन से बिहार आ रहे हैं, उनमें कई कोरोना संक्रमित यानी पाॅजिटिव पाए गए हैं। अभी तक देश-विदेश से लौटे 423 प्रदेशी बाबू कोरोना पाॅजिटिव पाए गए हैं। इनकी वजह से 600 से ज्यादा लोग कोरोना वायरस के शिकार हुए हैं। देश के विभिन्न जगहों से बीते 4 मई से ही बिहार में विशेष ट्रेनों के माध्यम से बिहारी मजदूर व छात्र-छात्राऐं लौट रहे हैं। उनमें 384 कोरोना पाॅजिटिव पाए गए हैं। इसमें महाराष्ट्र, हरियाणा, गुजरात, पश्चिम बंगाल, तेलांगना, राजस्थान व दिल्ली से आए लोग ज्यादातर हैं। ब्लाॅक स्तर पर बने 4671 क्वारेंटाइन सेंटर में 2.15 लाख से ज्यादा प्रवासी यानी प्रदेशी बाबू रह रहे हैं। आज 16 मई को भी देश के विभिन्न प्रदेशों से 60 हजार से ज्यादा प्रदेशी बाबू 60 विशेष ट्रेनों पर सवार होकर बिहार लौट रहे हैं। बीते 15 मई को 32 ट्रेनों से 46,795 प्रवासी लौटे हैं। बीते 14 मई को 34 ट्रेनों से 51 हजार लोग आए हैं। विभिन्न राज्यों से बसों के माध्यम से भी 65,306 लोग बिहार आए हैं। इन सभी को गोपालगंज व कैमूर बाॅर्डर से उनके जिले के ब्लाॅक में बने क्वारेंटाइन सेंटर तक भेजा गया है।


दूसरी ओर बिहार में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच अब सरकार संक्रमण की जांच में तेजी लाने के उपायों में जुट गई है। राज्य में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए स्वास्थ्य महकमा ने कोरोना के प्रमुख जांच केन्द्र राजधानी पटना स्थित राजेन्द्र मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट यानी आरएमआरआई व इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान यानी आईजीआईएमएस की क्षमता बढ़ाने की कवायद कर रहा है। क्योंकि अभी एक दिन में आरएमआरआई में 1500 से 2000 व आईजीआईएमएस में 500 से 800 सैंपलों की जांच करने में सक्षम है। सरकार इन दोनों संस्थानों को अतिरिक्त जांच उपकरण मुहैया कराने जा रही है। इस उपकरण के मिलने के बाद आरएमआरआई एक दिन में करीब 4 हजार व आईजीआईएमएस 1500 से 2000 तक सैंपलों की जांच कर सकेंगे। साथ ही, जिलों में भी ज्यादा से ज्यादा सैंपलों की जांच शुरू करने के इरादे से 10 जिला अस्पताल व 5 मेडिकल काॅलेज अस्पताल में सरकार ट्रू नेट मशीनें भी लगाने जा रही है। इसके अलावा 45 ट्रू नेट मशीनें और खरीदने की तैयार चल रही है। ट्रू नेट मशीनें मूल रूप से टीबी की जांच के प्रयोग में लायी जाती है। यह मशाीन एक घंटे में जांच के नतीजें बताने में सक्षम है। मशीन स्वाब के जरिये कोरोना वायरस की जांच करती हैं। मशीन के सिस्टम में स्वाब डाला जाता है। जिसके बाद मशीन स्वंय ही आएनए स्ट्रैक्शन सहित सारी प्रक्रिया संचालित करती है। स्वास्थ्य विभाग का अनुमान है कि 13 ट्रू नेट मशीनों से एक दिन में 1000 से 1200 सैंपलों की जांच हो सकती है।


 


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