टांडा के मुस्लिम युवक और लखीमपुर के दलित युवक की मौत पर पुलिसकर्मियों पर दर्ज हत्या का मुकदमा
आजमगढ़। डॉक्टरों नर्सों पुलिस दलों पर हमला करने वालों पर योगी सरकार ने संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर रासुका तक की कार्रवाई की है, जो सराहनीय है, परंतु मुख्यमंत्री मुस्लिम युवक इसराइल और दलित युवक रोशन लाल की मौत के दोषी पुलिसकर्मियों पर हत्या का मुकदमा दर्ज कर रासुका के तहत कार्रवाई कब करेंगे। प्रेस को जारी बयान में प्रसपा के वरिष्ठ नेता एहसान खान ने उपरोक्त बातें कहीं। उन्होंने कहा अंबेडकरनगर जनपद में टांडा नगर स्थित मोहल्ला छज्जोपुरा निवासी इसराइल के घर में खाने को कुछ नहीं था। गरीब कुछ पैसे लेकर दुकान से बिस्कुट खरीदने गया था। इन इंसानी भेड़ियों ने उसे इस कदर मारा की 3 दिन बाद जिला अस्पताल के चिकित्सक भी उसे नहीं बचा पाए और उसकी मौत हो गई। इसी तरह लखीमपुर जनपद के ग्राम हरैया पिपरिया में दलित रोशन लाल जो गुड़गांव से अपने गांव आया, पुलिस ने गांव के स्कूल में उसे रखा ,वह वही रह रहा था। घर पर आटा नहीं था। भाभी के बुलाने पर मशीन पर आटा पिसाने चला गया। इसी बात को लेकर औरंगाबाद चौकी के सिपाही अनूप ने उसे इतना मारा कि उसका शरीर सुन्न हो गया, हाथ काम करना बंद कर दिया। चौकी इंचार्ज से इलाज के लिए गिड़गिड़ाता रहा परंतु उपचार नहीं कराया गया। रोशन लाल ने अपनी व्यथा ऑडियो में रिकॉर्ड की, सुसाइड नोट लिखा और आत्महत्या कर ली। संभवतः इस प्रकरण में चौकी इंचार्ज और सिपाही निलंबित हैं। अभी तक दोनों मामलों में दोषी पुलिसकर्मियों पर हत्या का मुकदमा दर्ज नहीं किया गया है, और जांच जारी है। मैं सरकार से पूछना चाहता हूँ 12 घंटा 24 घंटे में आदेश और रिपोर्ट मांगने वाले मुख्यमंत्री अभी तक जांच पूरी नहीं करा पाए। तत्काल दोषी पुलिसकर्मियों पर हत्या का मुकदमा कर, जिस तरह से लखनऊ में कमलेश तिवारी और विवेक तिवारी की हत्या को लेकर पीड़ित परिवारों को एक-एक करोड़ रुपए का मुआवजा और बी ग्रेड की नौकरियां दी गई थी। उसी तर्ज़ पर इन पीड़ित परिवारों को भी उपरोक्त मुआवजा व नौकरी दिया जाए।
जनपद आजमगढ़ के अंतर्गत जीयनपुर कोतवाली अंतर्गत ग्राम गड़ेरुया में दबंगों ने दलित की पीट-पीटकर निर्मम हत्या कर दी दोषियों पर सख्त कार्रवाई और पीड़ितों को उचित मुआवजा दिया जाए। यह कितना दुखद है की महाराष्ट्र के पालघर में हमारे तीन नागा साधुओ महात्माओं की सैकड़ों की भीड़ ने पीट-पीटकर निर्मम हत्या कर दी, इस घटना से पूरा देश दुखी है। सरकार तत्काल मॉब लिंचिंग पर कठोर कानून बनाए।
श्री खान ने कहा मोदी जी कहां गया "सबका साथ सबका विकास और सबका विश्वास" उपरोक्त दर्दनाक घटनाएं सरकार को दिखाई नहीं दे रही हैं। क्या कुछ अमीरो, नेताओं व अधिकारियों के लड़के जो कोटा में कोचिंग कर रहे हैं। वही इंसान हैं। देश के कोने कोने में फंसे हुए लाखों मजदूर जो जगह-जगह फंसे हैं और भूख से तड़प रहे हैं वह मानव जाती नहीं है। आखिर देश में सिर्फ कोटा में कोचिंग करने वाले 2000 बच्चों को 300 बसें लगाकर योगी सरकार उन्हें वापस क्यों लाई। क्या यह लॉक डाउन के नियम का उल्लंघन नहीं है। और क्या जिस तरह 65 हजार लोगों जो विदेश से आये, उनसे देश मे कोरोना फैला मरकज में सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ी उनसे कोरोना फ़ैला, उसी तरह सोशल डिस्टेंसिंग तोड़ कर उन बच्चों के लाने से कोरोना नहीं फैल सकता। मुख्यमंत्री व प्रधान मंत्री देश की जनता को जवाब दें।
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