मंगलवार, 21 अप्रैल 2020

समस्तीपुर रेल मंडल प्रबंधक कार्यालय में कोरोना संक्रमित जिले से रेल कर्मी आकर करते हैं काम।

बिहार (अफजल इमाम ’’मुन्ना’’)। बिहार में पूर्व मध्य रेल, हाजीपुर के अधीन कार्यरत समस्तीपुर रेल मंडल मुख्यालय स्थित मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय में बीते 20 अप्रैल से दैनिक कार्य प्रारंभ हो गया है। भारतीय रेल के इतिहास में पहली बार 28 दिनों तक यहां ताला लटका रहा है। कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव को लेकर इतने दिनों के बाद खुले समस्तीपुर रेल मंडल प्रबंधक कार्यालय में अधिकारियों व कर्मचारियों को स्क्रीनिंग जांच, हैंड वास आदि के बाद ही प्रवेश मिल रहा है। इसमें मंडल रेल प्रबंधक अशोक माहेश्वरी, एडीआरएम जफर आजम व संत राम मीणा, वरीय मंडल कार्मिक अधिकारी ओम प्रकाश सिंह सहित कई शाखा अधिकारी तक शामिल हैं। यहां वर्तमान में 33 प्रतिशत रेल कर्मियों से ही काम लिया जा रहा है। इस रेल मंडल में कार्यरत कर्मचारियों का रोस्टर तैयार कर ही ड्यिूटी ली जा रही है।



समस्तीपुर रेल मंडल मुख्यालय में कार्यरत अधिकारियों व कर्मियों का स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा पहले थर्मल जांच की जाती है। फिर इंट्री मिलती है। लेकिन, रेल अधिकारियों की लापरवाही भी सामने आ रही है। क्योंकि, यहां जिले के बाहर से आने वाले रेल कर्मियों से भी कार्य लिया जा रहा है। जबकि, इन दिनों परोसी जिला बेगूसराय व वैशाली भी कोरोना वायरस के संक्रमण का शिकार है। बेगूसराय में 9 कोरोना पाॅजिटिव मरीज मिले हैं। जिनका इलाज चल रहा है। जबकि, वैशाली के राघोपुर पूर्वी निवासी नवल किशोर राय की मौत पटना एम्स में बीते 17 अप्रैल को हो चुकी है। फिर भी बेगूसराय के अलावा अन्य जगहों से रेल कर्मी निजी वाहन से आकर ड्यिूटी कर रहे हैं। जिसे यहां देखने वाला कोई नहीं है। मंडल रेल प्रबंधक को चाहिए कि इस ओर जल्द ध्यान दें। ताकी कोरोना जैसे जानलेवा बीमारी से समय रहते बचा जा सके। अभी तक समस्तीपुर जिला कोरोना वायरस से पूरी तरह महफूज है। 


लेबल: