मंगलवार, 14 अप्रैल 2020

मुश्किल में हैं लालु प्रसाद, कोरोना के नाम पर भी जेल से नहीं मिला छुटकारा : बिहार

 


बिहार (अफजल इमाम ’’मुन्ना’’)। देश में महामारी का रूप ले चुका ’कोविड-19’ यानी कोरोना वायरस को लेकर इन दिनों बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री व राजद सुप्रीमो लालु प्रसाद परेशान रह रहे हैं। जबकि, लालु प्रसाद के बल पर बनी झारखंड की हेमंत सरकार उनकी परेशानी दूर करने में अभी तक नाकाम रही है। क्योंकि, लालु प्रसाद वर्तमान में राजनीतिक बनवास की जिन्दगी व्यतीत करते हुए बहुचर्चित चारा घोटाला के मामलों में दोषी करार किए जाने के बाद से ही पिछले दो वर्ष से ज्यादा समय से परोर्सी राज्य झारखंड के रांची स्थित बिरसा मुंडा सेन्ट्रल जेल, होटवार की सलाखों के पीछे कैद हैं। कई बीमारियों से ग्रसित लालु प्रसाद इन दिनों रांची के राजेन्द्र आयुर्विज्ञान संस्थान यानी रिम्स के पेइंग वार्ड में भर्ती होकर अपना इलाज करा रहे हैं। उन्हें जेल से छुटकारा दिलाने की हेमंत सरकार की सारी कोशिशें नाकाम रही है। जबकि, रांची में बीते 13 अप्रैल को झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक में इस मसले पर गहन चर्चा तक हुई है। लेकिन, महाधिवक्ता के परामर्श के बाद ही फिलहाल हेमंत सरकार ने लालु प्रसाद को पैरोल पर छोड़ने का फैसला टाल दिया है। क्योंकि, नियमों के पेंच में फंसी हेमंत सोरेन की झारखंड सरकार कोरोना के नाम पर भी लालु प्रसाद को पैरोल पर छोड़े जाने के मसले पर कोई ठोस निर्णय आजतक नहीं ले सकी है।



प्राप्त जानकारी के अनुसार, झारखंड के महाधिवक्ता के परामर्श के बाद हेमंत सरकार के पास राजद सुप्रीमो लालु प्रसाद को जेल से छुटकारा दिलाने के लिए अब कोई आॅप्शन नहीं बचा है। इससे पूर्व झारखंड सरकार की कैबिनेट ने लालु प्रसाद को पैरोल पर छोड़े जाने को लेकर बड़ी देर तक चर्चा की। फिर, लालु प्रसाद को बेल पर रिहा करने के मामले में विचार लेने के लिए कैबिनेट की इस बैठक में झारखंड के महाधिवक्ता तक को आमंत्रित किया गया। जिन्होंने हेमंत सरकार को इस मामले में कानूनी जानकारियां दी। कैबिनेट की इस बैठक में लालु प्रसाद के मसले पर डिसिजन से अधिक डिस्कशन चला। कैबिनेट की बैठक में कोरोना संकट से उबरने के लिए करीब दो घंटे तक मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन व मंत्रिमंडल के सदस्यों ने ताजा हालातों पर गंभीर रूप से चर्चा तक की है। लेकिन, कोई नतीजा सामने नहीं आया है। जबकि, इससे पूर्व झारखंड के रांची स्थित रिम्स में लालु प्रसाद के पेइंग वार्ड के समीप आइसोलेशन वार्ड बनाए जाने के चलते खतरे को भांपते हुए उनकी 72 वर्ष की उम्र व सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए राष्ट्रीय जनता दल यानी राजद व कांग्रेस पार्टी के नेता लगातार लालु प्रसाद के पक्ष में बयान देकर उनकी रिहाई के पक्ष में महौल बनाते रहे हैं। इतना ही नहीं, हेमंत सरकार के कृषि मंत्री बादल व विधायक इरफान अंसारी भी लालु के पक्ष में खुलकर पैरवी करते दिखे हैं। बावजूद इसके राजधानी रांची में कैबिनेट की बैठक में लालु प्रसाद को पैरोल पर रिहा करने के मामले में अंततः निर्णय नहीं हो सका है।


बता दें कि, कोरोना वायरस ने राजद सुप्रीमो लालु प्रसाद को एक छोटे से कमरे में कैद रहने को मजबूर कर दिया है। रिम्स में इलाजरत लालु प्रसाद पेइंग वार्ड के कमरे से पिछले 11 दिनों से बाहर नहीं निकले हैं। बहुचर्चित चारा घोटाला में सजायाफ्ता लालु प्रसाद लम्बे वक्त से यहां रह रहे हैं। कुछ दिनों पूर्व तक रिम्स के गलियारे में दरबार लगते, जहां लालु प्रसाद अक्सर नजर आ जाते थे। लेकिन, अब रिम्स में सब कुछ बंद है। कोरोना वायरस संक्रमण के खौफ से लालु प्रसाद को अपने वार्ड में टहलने तक की पावंदी लगा दी गई है। लालु प्रसाद अपने कमरे से बाहर नहीं निकले हैं। क्योंकि, पेइंग वार्ड में ही कोरोना वायरस के संदिग्ध मरीजों को रखा जा रहा है। जबकि, लालु प्रसाद पूर्व से ही खुद किडनी सहित 14 विभिन्न तरह की बीमारियों से ग्रसित हैं। उन्हें लेकर चिकित्सक भी कोई रिस्क नहीं लेना चाह रहे हैं। इसलिए उन्हें बाहर निकलने से पूर्णतः मना ही कर दिया गया है।


       रिम्स के जिस भवन में कोरोना के संदिग्ध व संक्रमित मरीजों को रखा जा रहा है। उसी भवन के फस्र्ट फ्लोर में राजद सुप्रीमो लालु प्रसाद भी इलाजरत हैं। चिकित्सक की सलाह में 12 घंटे से अधिक मास्क का इस्तेमाल कर रहे हैं। वहीं, सोते वक्त भी मुंह में कपड़ा ढंक कर ही सो रहे हैं। लालु प्रसाद का इलाज कर रहे डाॅ.उमेश प्रसाद का कहना है कि लालु प्रसाद की उम्र ज्यादा है। पूर्व से कई तरह की बीमारी से पीड़ित हैं। इन सभी को देखते हुए उनके सेहत पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। डाॅ.उमेश प्रसाद का कहना है कि फिलहाल राजद सुप्रीमो लालु प्रसाद की सेहत में किसी तरह का उतार-चढ़ाव नहीं है। उनकी सेहत सामान्य है। ज्यादातर समय बंद कमरे में ही बीतने के कारण उनका मन थोड़ा बेचैन अवश्य है। लेकिन, लगातार उनकी देखरेख की जा रही है। शुगर थोड़ा बढ़ा है, वहीं ब्लड प्रेशर सामान्य है। शुगर बढ़ने व कोरोना में इम्यूनिटी को मजबूत रखने के लिए इंसुलिन की डोज बढ़ाई गई है। वैसे, राजद सुप्रीमो लालु प्रसाद भले ही चारा घोटाले में सजायफ्ता होने के बाद रिम्स में इलाज करा रहे हों, लेकिन, उन्हें भी कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे का आभास है। उन्होंने लोगों से अपील करते हुए ट्विटर पर लिखा है कि जो घर से बाहर निकलेगा, उसे टोकना होगा। कोरोना को रोकना है, तो अपने कदमों को रोकना होगा। उन्होंने अंत में लिखा- बिना किंतु-परंतु घर में आराम करो ना।


दूसरी ओर झारखंड के जेलों में कोरोना संक्रमण न फैले इसके लिए उच्च स्तरीय बैठक तक हुई है। इस बैठक में यह तय हुआ है कि आर्थिक आपराधिक व 7 वर्ष से अधिक सजा पाने वालों को पैरोल पर नहीं छोड़ा जाऐगा। वहीं, गंभीर आपराधिक मामलों को छोड़ 7 वर्ष की कम सजा पाने वाले कैदियों की पैरोल का विरोध झारखंड सरकार कोर्ट में नहीं करेगी। उन मामलों में संबंधित कोर्ट ही निर्णय ले सकती है। इस उच्च स्तरीय बैठक के बाद लालु प्रसाद के पैरोल पर चल रहा संशय थम गया है। आर्थिक अपराध का आरोपी होने के कारण लालु प्रसाद को कोरोना के नाम पर भी पैरोल पर जेल से छुटकारा नहीं मिल सकता है। बैठक में हाईकोर्ट के जस्टिस एस.सी.मिश्रा, मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, जेल आई.जी. शशि रंजन आदि विराजमान थे। झारखंड के जेल आई.जी. शशि रंजन का कहना है कि कोरोना को लेकर जेलों में भीड़ को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया था कि 7 वर्ष से कम सजा वाले कैदियों को पैरोल पर छोड़ा जाना चाहिए। ताकि कोरोना जैसी महामारी को फैलने से रोका जा सके। इसी के मद्देनज़र यह बैठक हुई है। अभी झारखंड के जेलों की क्षमता 14 हजार 114 हैं। इसमें वर्तमान में 18 हजार 742 कैदी रह रहे हैं। जेल आई.जी. शशि रंजन का कहना है कि सेन्ट्रल जेल से कैदियों को मंडल व उप जेलों में शिफ्ट किया जाना तय है। हालांकि, इस दौरान कैदियों की अदालतें नहीं बदलेंगी। जहां जिसकी सुनवाई पहले से हो रही है, उसी अदालत में सुनवाई होनी है।


ज्ञात हो कि 6 जनवरी 2018 को सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने लालु प्रसाद को बहुचर्चित चारा घोटाला के एक मामले में साढ़े तीन वर्ष की सजा व 5 लाख रूपये जुर्माने की सजा सुनाई थी। इसके बाद से वह जेल की सलाखों के पीछे कैद हैं। इसके बाद भी उन्हें दो अन्य मामले में 7 वर्ष की सजा हो चुकी है। वैसे, इससे पूर्व भी लालु प्रसाद बहुचर्चित चारा घोटाला के आरोप में जेल की हवा खा चुके हैं। कांग्रेस पार्टी भी जेल में लालु प्रसाद को कोरोना संक्रमण का खतरा बताकर उनकी रिहाई की मांग कर चुकी है। बिहार प्रदेश कांग्रेस पार्टी के नेता कौकब कादरी ने पिछले दिनों कहा था कि संक्रमण व लालु प्रसाद के गिरते स्वास्थ्य को देखते हुए उन्हें जेल से रिहा कर दिया जाए तो बेहतर होगा। क्योंकि लालु प्रसाद की उम्र 72 वर्ष से ऊपर हो चुकी है। घर वाले भी उनकी रिहाई की आश लगाए बैठे हैं।


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