लॉक डाउन के दौरान बेबस मजदूर , हैदराबाद से पैदल चलकर पहुचा कानपुर।
देश भर में कोरोना से लड़ने के लिए लॉक डाउन चल रहा है जहां हर राज्य में गरीब लोगों के आगे रोटी का संकट बढ़ता चला जा रहा है वही प्रदेश के मजदूर अन्य राज्यो से आर्थिक संकट के चलते पैदल घर वापिस आने को मजबूर हैं । अन्य राज्यो में छुटपुट काम कर अपने परिवार का पेट पालने वाले यह मजदूर लॉक डाउन की शुरुवात से ही अपने पालन पोषण को लेकर एक बड़ी परेशानी में आ गए थे । जिसके बाद इन्होंने पैदल अपने स्वदेश लौटने का फैसला किया और देश के अलग अलग राज्यो से कई सौ किलोमीटर पैदल चल अपने घर वापिस आने लगे। केंद्र और राज्यो की सरकारें सभी देशवासियों से घर मे रहने की अपील कर रही है। वही यह बेसहारा मजदूर कई राज्यो को पार करते हुए कोरोना को मजबूती से चुनोती देते हुए वापिस अपने घर उत्तर प्रदेश पहुच रहे है।
कानपुर के बिल्हौर निवासी 20 वर्षीय रोहित ने बताया कि वह पिछले 1 वर्ष से आंध्रप्रदेश के हैदराबाद में एक बर्फ की फैक्ट्री में दिहाड़ीदार मजदूर है। लॉक डाउन के बाद कंपनी चलना बन्द हो गयी । ऐसे में उसके सामने न सिर्फ रोटी की बल्कि और भी मूलभूत व्यवस्थाओं की परेशानी खड़ी हो गयी । तब उसने बीती 22 मार्च को मन बनाया की वह पैदल ही अपने साथियों के साथ घर वापस लौटेगा। जिसके बाद 23 मार्च को हैदराबाद से तकरीबन 1600 किलोमीटर दूर कानपुर आने के लिए निकला था। उसने यह भी बताया कि रास्ते मे कई बार उसका मेडिकल परीक्षण हुआ और जगह जगह प्रशासन द्वारा खाना मुहैया कराते हुए उसे सुरक्षित घर पहुचने की सलाह दी गयी ।
हम मानते है कि समय की परिष्तिथियों को देखते हुए लॉक डाउन करना जरूरी है , जरूरी है कि हम सब सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए सरकार के सभी फैसलों में उसके साथ खड़े रहें।परन्तु ऐसे दिहाड़ीदार मजदूरों के बारे में सरकार को कोई खास कदम उठाने होंगे जिससे कोई और रोहित हज़ारो किलोमीटर पैदल चलकर अपने घर आने को मजबूर ना हो।
लेबल: उत्तरप्रदेश
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