क्या है हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन, यह कोरोना के इलाज में कितनी कारगर है?
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के एक बयान के बाद एंटी-मलेरिया ड्रग हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन एक बार फिर ख़बरों में है। इस दवा का उपयोग मलेरिया के इलाज के लिए किया जाता है। साथ ही इसका प्रयोग आर्थराइटिस के उपचार में भी होता है। नेशनल इंस्टिट्यूट फॉर एलर्जीस ऐंड इन्फेक्शियस डिसीज के प्रमुख डॉ. एंथोनी फाउची ने सफाई दी थी कि ट्रंप के बयान किसी क्लिनिकल ट्रायल पर आधारित नहीं हैं बल्कि ये सिर्फ अनुमान हैं। डॉ. एंथनी फाउची के मुताबिक, सिर्फ शुरुआती परीक्षणों के आधार पर किसी दवा को मंजूरी नहीं दी जा सकती है।
द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान दवा का आविष्कार किया गया था। जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी ल्यूपस सेंटर के अनुसार, मलेरिया रोधी दवा ने मांसपेशियों और जोड़ों के दर्द, स्किन रैशेज, इंफ्लेमेशन ऑफ हर्ट, लंग लाइनिंग, थकान और बुखार जैसे लक्षणों में सुधार दिखाया है। हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन को ब्रांड नाम प्लाक्वेनिल के तहत बेचा जाता है और जेनेरिक के रूप में उपलब्ध है।
इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च के महानिदेशक बलराम भार्गव ने हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन की कोरोना वायरस संक्रमण के संदिग्ध या संक्रमित मरीजों की देखभाल करने वाले स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं, जिनमे डॉक्टर, नर्से, सफाई कर्मचारी, हेल्पर आदि के इलाज के लिए सिफारिश की थी। इस दवा के साइड इफेक्ट भी है। दवा के साइड इफेक्ट्स में हार्ट ब्लॉक, हार्ट रिदम डिस्टर्बेंस, चक्कर आना, जी मिचलाना, मतली, उल्टी और दस्त हो सकते हैं। इसके अलावा इस दवा को अधिक या इसकी ओवरडोज लेने से दौरे भी पड़ सकते हैं या मरीज बेहोश हो सकता है।
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