कोरोना वायरसः क्या अल्ट्रा वायलेट किरणों से इसका ख़ात्मा हो सकता है
सोशल मीडिया पर तो इस वायरस को मारने के इतने फॉर्मूले उपलब्ध हैं कि गिनती करना मुश्किल है.
इन्हीं में से एक ये है कि कोरोना वायरस को अल्ट्रा वायलेट किरणों (UV) से मारा जा सकता है.
अल्ट्रा वायलेट (UV) रौशनी का इस्तेमाल कई दशक से कीटनाशक के तौर पर किया जाता रहा है.
ख़ास तौर से मेडिकल के क्षेत्र में माहौल से लेकर सिरिंज तक को कीटाणु मुक्त बनाने के लिए यूवी लाइट इस्तेमाल होती है.
पर, सवाल ये है कि क्या अल्ट्रा वायलेट किरणों से कोरोना वायरस का ख़ात्मा हो सकता है?
अगर आप इंसानों पर अल्ट्रा वायलेट किरणों की बौछार करेंगे, तो असल में आप उन्हें भून डालेंगे." ये कहते हुए, डैन आर्नॉल्ड बेयक़ीनी से हंसते हैं.
डैन, यूवी लाइट टेक्नोलॉजी नाम की एक ब्रिटिश कंपनी में काम करते हैं.
उनकी कंपनी, अस्पतालों, दवा कंपनियों और खाना के निर्माताओं के यहां कीटनाशक सेवाएं उपलब्ध कराती है.
कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के साथ डैन के पास ऐसी गुज़ारिशों की बाढ़ आ गई है कि उनके घर को यूवी किरणों से सैनिटाइज़ कर दिया जाए.
डैन कहते हैं, "हमारे पास एक आदमी ने फ़ोन किया कि हमारी मशीनें कैसे काम करती हैं. फिर वो बोला कि क्यों न आपकी अल्ट्रा वायलेट मशीनों को सुपर मार्केट के बाहर लगा दें. और जिसके नीचे लोग कुछ देर खड़े हों, ताकि उनके शरीर में मौजूद सारे वायरस अल्ट्रा वायलेट किरणों से मर जाएं."
इंटरनेट पर हर मामलों के जानकार मौजूद हैं. ऐसे ही स्वयंभू विशेषज्ञ लोगों को यूवी लाइट से वायरस इन्फ़ेक्शन ख़त्म करने के मशविरे बांट रहे हैं.
हद तो ये है कि थाईलैंड में एक कॉलेज ने तो अल्ट्रा वायलेट सुरंग बना डाली है, जिससे गुज़रते हुए छात्र ख़ुद को कीटाणु मुक्त कर सकते हैं.
कई लोगों के ज़हन में सवाल है कि चूंकि सूरज की किरणों में अल्ट्रा वायलेट किरणे भी शामिल होती हैं, तो क्या सूरज की रौशनी में खड़े होने से ये नया कोरोना वायरस ख़त्म हो जाएगा
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