मंगलवार, 28 अप्रैल 2020

कोरोना के चलते 3 मई के बाद भी स्कूल, मॉल, पब्लिक ट्रांसपोर्ट बंद रह सकते हैं, अगले हफ्ते होगा फैसला ।

नई दिल्ली। कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए तीन मई तक लागू लॉकडाउन  के बाद भी शिक्षण संस्थान, शॉपिंग मॉल, धार्मिक स्थल और सार्वजनिक परिवहन  के बंद रहने की संभावना है। यह जानकारी अधिकारियों ने दी।


इसका संकेत सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों  की तीन घंटे तक चली बैठक में भी मिला था।


कुछ स्थानों के लिए शुरू की जा सकती है सीमित रेल और हवाई सेवा


घटनाक्रमों की जानकारी रखने वाले अधिकारी ने बताया कि ग्रीन जोन  के जिलों में सीमित संख्या में निजी वाहनों की आवाजाही की अनुमति दी जा सकती है लेकिन रेलगाड़ियों और हवाई सेवाओं की बहाली की हाल फिलहाल कोई संभावना नहीं है।
उन्होंने बताया कि इस बात की संभावना है कि मई के मध्य में कुछ स्थानों के लिए सीमित आधार पर रेल और हवाई सेवा शुरू की जा सकती है लेकिन यह कोविड-19 के हालात पर निर्भर करेगा।


लॉकडाउन पर आखिरी फैसला सप्ताहांत में लिया जाएगा।


अधिकारी ने बताया कि स्कूल , कॉलेज, शॉपिंग मॉल, धार्मिक स्थल और सार्वजनिक परिवहन पर रोक आगे भी जारी रहने की संभावना है। तीन मई के बाद भी सार्वजनिक और सामाजिक कार्यक्रम में लोगों के एकत्र होने पर रोक जारी रहेगी।


कोरोना वायरस की महमारी के खिलाफ रणनीति बनाने के लिए सोमवार को हुई बैठक के बाद अधिकारी ने बताया कि लॉकडाउन पर अंतिम फैसला इस सप्ताहांत लिया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये मुख्यमंत्रियों की बैठक में अपनी बात रखने वाले नौ मुख्यमंत्रियों में से पांच ने मजबूती के साथ तीन मई के बाद भी लॉकडाउन बढ़ाने का समर्थन किया जबकि कुछ ने कोविड-19 मुक्त जिलों में एहतियात के साथ ढील देने की वकालत की।


ग्रीन जोन में वे जिले, जहां से पिछले 28 दिनों में नहीं आया कोई मामला।


ओडिशा , गोवा, मेघालय और कुछ अन्य राज्य लॉकडाउन को कुछ और हफ्ते बढ़ाने के पक्ष में थे जबकि कुछ राज्यों ने ग्रीन जोन के रूप में चिह्नित जिलों में छूट देने की सलाह दी। ग्रीन जोन में उन जिलों को रखा गया है जहां पर गत 28 दिनों से कोई मामला सामने नहीं आया हैं।
हालांकि सभी मुख्यमंत्री इस पर सहमत थे की लॉकडाउन से बाहर निकलने की प्रक्रिया क्रमबद्ध और सभी एहतियाती उपायों के साथ होनी चाहिए।
एक अन्य अधिकारी ने बताया कि प्रधानमंत्री ने बताया कि शुरुआत में ही लॉकडाउन घोषित करने से हजारों जिंदगियां बची है लेकिन भारत पर कोविड-19 का खतरा बना हुआ है। हालांकि सभी इस बात पर सहमत थे कि निरंतर सतर्कता बनाए रखने की जरूरत है।


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