कोरोना अलर्ट: न हों परेशान, आशा बहन की बात पर दें ध्यान
• स्वास्थ्य प्रमुख सचिव ने बाहर से आने वालों की ट्रैकिंग के दिए निर्देश
• कोरोना वायरस से बचाव और रोकथाम के बारे में भी करेंगी जागरूक
• अप्रैल और मई में अलग से मिलेगी एक-एक हजार प्रतिपूर्ति राशि
आजमगढ़, कोरोना वायरस (कोविड-19) के संक्रमण से बचाव और रोकथाम को पूरे देश में किए गए लाकडाउन के बीच दूसरे राज्यों और जनपदों से गांव लौट रहे लोगों की आशा कार्यकर्ताओं के माध्यम से जल्द से जल्द ट्रैकिंग कराई जाएगी। प्रमुख सचिव स्वास्थ्य अमित प्रसाद ने इस बारे में प्रदेश के सभी जिलाधिकारी और मुख्य चिकित्सा अधिकारी को पत्र भेजकर इसका कड़ाई से पालन सुनिश्चित कराने को कहा है।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के जिला सामुदायिक प्रक्रिया मैनेजर (डीसीपीएम) विपिन पाठक ने बताया कि इस काम के लिए आशा कार्यकर्ताओं को अप्रैल और मई माह में एक एक हजार रूपये अतिरिक्त प्रतिपूर्ति राशि दी जाएगी। आशा संगिनी को भी इस दौरान क्षेत्र के प्रति अतिरिक्त भ्रमण पर 100 रूपये और अधिकतम 500 रूपये प्रति माह दिए जाएंगे। आशा कार्यकर्ताओं से कहा गया है कि वह अपने क्षेत्र के सभी घरों का भ्रमण करें और ऐसे घरों को चिह्नित (लाइन लिस्टिंग) करें जहां 14 दिनों के भीतर अन्य राज्यों और शहरों से लोग आए हैं। ऐसे लोगों की भी लाइन लिस्टिंग करें जो कोरोना संक्रमित के सम्पर्क में आए हैं। ऐसे लोगों व परिवार की सूची आशा कार्यकर्ता, आशा संगिनी के माध्यम से ब्लाक कम्युनिटी प्रोसेस मैनेजर (बीसीपीएम) को दें जिसे वह अपलोड करेंगे ताकि उसको ब्लाक, जिला व मंडल से लेकर प्रदेश स्तर तक के अधिकारी देख सकें। इसके अलावा वह कोरोना के संदिग्ध केसों की पहचान कर समय से रेफर करने का भी काम करेंगी। होम क्वेरेंटाइन किए गए लोगों का फालोअप करेंगीं।
डीसीपीएम विपिन पाठक बताते हैं कि आशा कार्यकर्ता पिछले 15 दिनों के भीतर बाहर की यात्रा करने वालों पर भी नजर रखेंगीं। इसके साथ ही 60 साल से अधिक की उम्र के लोगों और पहले से ही डायबिटीज, हाईपरटेंशन, हृदय और श्वसन संबंधी बीमारी से ग्रसित लोगों के घरों का प्राथमिकता से भ्रमण करेंगी। ग्रामीण आशा कार्यकर्ताओं को प्रतिदिन 25 से 30 घरों का भ्रमण करना होगा ताकि आठ कार्यदिवसों में वह अपने कार्यक्षेत्र का गृह भ्रमण पूर्ण कर सकें।शहरी क्षेत्र की आशा कार्यकर्ताओं को 16 कार्यदिवसों में अपने कार्य क्षेत्र में गृह भ्रमण का कार्य पूर्ण करना है। यदि किसी कार्य क्षेत्र में आशा नहीं हैं तो किसी अन्य कर्मी/वालंटियर के द्वारा कार्य कराया जाएगा। इसके अलावा संदिग्ध केसों के घरों का फालोअप करेंगी, यदि किसी के सांस फूलने की शिकायत है तो इसकी जानकारी फोन पर प्रभारी चिकित्सा अधिकारी/चिकित्सा अधीक्षक को देंगी। जांच में पाजिटिव मिले केसों की भी जानकारी रखेंगीं। आशा के कार्यों का सत्यापन आशा संगिनी करेंगीं और जहां आशा संगिनी नहीं हैं वहां पर एएनएम सत्यापन करेंगीं।
लोगों को जागरूक भी करेंगीं: गृह भ्रमण के दौरान आशा कार्यकर्ता परिवार के सदस्यों के स्वास्थ्य जैसे-बुखार, खांसी या सांस लेने में तकलीफ के बारे में जानकारी लेंगी और परिवार के किसी भी सदस्य में इस तरह के लक्षण हैं तो उन्हें जरूरी सावधानी बरतने के बारे में बताएंगी
जैसे-
• आप 14 दिनों तक घर में रहें। बाहर से आए व्यक्ति में यह लक्षण नजर आए तो वह 14 दिनों तक अलग कमरे में रहे। अलग बिस्तर और अलग बर्तन का उपयोग करे।
• परिवार के अन्य सदस्यों को कोरोना के संक्रमण से बचाने के लिए उनसे दो मीटर (पांच हाथ) की दूरी बनाकर रखें।
• यदि बुखार, खांसी और सांस लेने में तकलीफ हो तो तुरंत आशा से संपर्क करें।
• हाथों को बार-बार साबुन-पानी से अच्छी तरह से धोएं।
• चेहरे, आंख, नाक, कान और मुंह को बार-बार न छुएं।
• खांसते-छींकते समय नाक-मुंह को रूमाल या साफ कपड़े से ढकें।
• गृह भ्रमण के दौरान सुरक्षित दूरी बनाए रखें: आशा कार्यकर्ताओं से कहा गया है कि गृह भ्रमण के दौरान वह लोगों से कम से कम एक मीटर की दूरी बनाए रखें। किसी प्रकार की भीड़ न लगने दें और लोगों को भी इस बारे में बताएं। गृह भ्रमण के पहले और बाद में आशा साबुन-पानी से अच्छी तरह से हाथ धोएं। इस दौरान परिवार के दरवाजे की कुंडी या ऐसे स्थान जहां लोगों के बार-बार हाथ लगाने की आशंका हो, को न छुएं।
लेबल: उत्तरप्रदेश
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