कानपुर देहात में कोरोना महामारी के दौरान भी वोटबैंक की राजनीति कर रहे है ग्राम प्रधान , प्रधान ने सिर्फ एससी वर्ग को ठहराया विद्यायल में।
एससी वर्ग की शिकायत पर पहुंची पुलिस ने मामला सही पाए जाने पर प्रधान पुत्र को लगाई फटकार।
जहां पूरा देश कोरोना महामारी का दंश झेल रहा है और सरकारों द्वारा लोगों की सुरक्षा के चलते न जाने कितने कदम उठाए जा रहे हैं साथ ही यह भी प्रयास किया जा रहा है कि किस तरह इस महामारी को फैलने से रोका जा सके इसी के चलते जिला प्रशासन द्वारा भी बाहर से आए ग्रामीणों को चिकित्सा परीक्षण के उपरांत गांव के पास स्थित प्राथमिक विद्यालय पंचायत भवनों में निर्धारित समय तक रखने का आदेश दिया गया जिसकी जिम्मेदारी ग्राम प्रधान सचिव को सौंपी गई है लेकिन इस पर भी राजनीति शुरू हो गई है और लोगों के साथ जाती पर पक्षपात किया जाना शुरू कर दिया गया है ऐसा ही एक मामला भोगनीपुर क्षेत्र के ग्राम पंचायत चकचालपुर में देखने को मिला जहां पर ग्राम प्रधान के द्वारा बाहर से लौटे एससी वर्ग के लोगों को प्राथमिक विद्यालय में ठहरा दिया गया और ओबीसी वर्ग के लोगो को घरों में रहने दिया गया। अपने साथ हो रहे भेदभाव को देखने के बाद लोगो के द्वारा पुलिस को सूचना दी गई सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने मामला सही पाया और इसके बाद प्रधान पुत्र को जमकर फटकार लगाई और घर पर रह रहे लोगों को स्कूल में आने की बात कही व सभी लोगो के लिए खाने-पीने की व्यवस्था करने की बात कही।
बताते चलें कि देर रात भोगनीपुर थाना क्षेत्र के चकचालपुर गांव में बाहर से आये एससी वर्ग के लोगो को मेडिकल परीक्षण के बाद प्राथमिक विद्यालय में रखा गया था लेकिन ओबीसी वर्ग के लोगो को घरों में रखा गया था जिसकी शिकायत एससी वर्ग के लोगो ने पुलिस से की जानकारी मिलने के बाद मौके पर पहुंचे पुखरायां चौकी इंचार्ज ने जांचपड़ताल की तो मामला सही पाया इस पर चौकी इंचार्ज द्वारा प्रधान पुत्र को जमकर फटकार लगाई और घरों में रह रहे लोगो को स्कूल में रखने की बात कहीं।
एससी वर्ग के लोगो ने पुलिस को बताया कि ओबीसी वर्ग के कुछ लोग बाहर से आये है लेकिन प्रधान द्वारा उन्हें उनके घरों में ही रहने दिया गया।
ऐसी विषम परिस्थितियों में भी ग्राम प्रधान के द्वारा उनके साथ पक्षपात किया जा रहा है जानकारी मिलने के बाद मौके पर पहुंची पुलिस के द्वारा प्रधानपुत्र को जमकर फटकार लगाई गई और घरों में रह रहे लोगो को मेडिकल परीक्षण कराने के बाद स्कूल में रखने की बात कहीं है।
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