गुरुवार, 9 अप्रैल 2020

चीन की साजिश तो नहीं कोरोना वायरस- खुद पैदा की डिमांड, अब कर रहा सप्लाई

    जिस चीन ने पूरी दुनिया को इस हाल में पहुंचाया, वहां के बाज़ार अचानक एक बार फिर से गुलज़ार हो उठे हैं। बंद दुनिया के बंद बाजारों के बीच उसने अपने बाज़ार खोल दिए हैं ताकि वो उस कोरोना के कारोबार से मुनाफा कमा सके जिस कोरोना को उसने खुद दुनिया को दिया। चीन ने सिर्फ एक महीने के अंदर कोरोना के नाम पर जितना व्यापार किया है, वो आंखें खोलने वाली हैं। कहने वाले कह रहे हैं कि कोरोना की आड़ में चीन दुनिया का अगला सुपरपावर बनने के लिए अपनी चाल चल चुका है।


     चीन बीमार हो चुकी बाक़ी दुनिया को इलाज और इलाज के सामान बेच रहा है। हैरानी करने वाली बात है कि जिस जगह से पहले कोरोना और फिर लॉक डाउन का नाम दुनिया ने पहली बार सुना, वो जगह इतनी जल्दी इस बीमारी से कैसे उबर गई? कैसे इतनी जल्दी दोबारा अपने पैरों पर खड़ी हो गई? और कैसे अब दुनिया के बाज़ार पर अपनी हुकूमत का सिक्का चला रही है? चीन का हुबेई प्रांत फिर से खुल चुका है। उसके बाज़ार सीधे दुनिया के बाज़ारों के लिए खोल दिए गए हैं। फैक्ट्रियों में 24 घंटे काम चल रहा है।


     चीन के एक्सपोर्ट डिपार्टमेंट के आंकड़े बताते हैं कि 50 से भी ज़्यादा देशों में चीन ने 3.86 बिलियन (3.60 अरब) मास्क भेजे हैं। 3.7 बिलियन (3.7 अरब) प्रोटेक्टिव क्लोदिंग पीस चीन ने पूरी दुनिया में पहुंचा दिए हैं। 16000 वेंटिलेटर और 2.84 मिलियन (20.84 लाख) कोरोना टेस्ट किट चीन दुनिया को बेच चुका है। दुनिया में ये सारा निर्यात चीन ने 1 मार्च से लेकर 1 अप्रैल के बीच यानी सिर्फ एक महीने में किया है। ये तमाम चीज़ें चीन पर शक पैदा करती हैं जहाँ सभी देशों की अर्थव्यवस्था दांव पर लगी है। ऐसे वक्त में भी चीन की इकॉनोमी दिन दूनी और रात चौगुनी रफ्तार में बढ़ रही है। और तो और चीन में कोरोना से लड़ने वाले मेडिकल इक्वेपमेंट का धड़ल्ले से प्रोडक्शन किया जा रहा है। एक तरफ तो चीन पूरी दुनिया को अपना माल बेच रहा है। वहीं दूसरी तरफ वो दुनिया का मददगार और मसीहा कहलाने के लिए ज़बरदस्त प्रोपेगैंडा भी कर रहा है। जिस तेज़ी से चीन में ये जानलेवा वायरस फैला और जिस तेज़ी से चीन का हुबेई प्रान्त इसकी गिरफ्त में आया और जिस तेज़ी से चीन ने उससे पार पा लिया। ये यकीनन हैरान और सोचने पर मजबूर करता है।


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