सोमवार, 13 अप्रैल 2020

चीन के 'झूठ' की कीमत चुका रहा है अमेरिका, कोरोना के 'गुनहगार' पर सबसे बड़ा खुलासा

दुनियाभर में कोरोना वायरस  के 18 लाख 50 हजार से ज्यादा मामले, 1 लाख 15 हजार से ज्यादा मौत और इन सबके पीछे सिर्फ एक ही नाम और एक ही सवाल क्या चीन ने कोरोना को लेकर पूरी दुनिया को गुमराह किया.  कोरोना की वजह से दुनिया का सुपरपावर आज घुटने पर है. अमेरिका में कोरोना से सबसे ज्यादा मौत हुई है. पूरी दुनिया में अमेरिका कोरोना का सुपर हॉटस्पॉट बन चुका है.


अमेरिका के नेशनल इन्स्टीट्यूट ऑफ एलर्जी एंड इन्फेक्शियस डिजीज के डायरेक्टर डॉक्टर एंथोनी फॉसी ने चीन को लेकर बड़ा खुलासा किया है. डॉक्टर फॉसी ने साफ-साफ कहा है कि चीन की गलत जानकारी का खामियाजा आज अमेरिका के लोग भुगत रहे हैं. 


सुपरपावर अमेरिका की सांसे फुली हुई हैं. दुनियाभर को आंख दिखाने वाले अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप की निगाहें अपने देश के सामने नीची हैं. रोजाना अमेरिका में कोरोना से मौत और संक्रमण के मामले रिकॉर्ड तोड़ रहे हैं


हालात ये ही कोरोना से मरने वाले लोगों को दफनाने के लिए जगह की कमी हो गई है. दुनिया का सबसे ताकतवर मुल्क आज जिस एक वायरस के सामने इतना बेबस दिख रहा है. उसकी बड़ी वजह है चीन पर जरुरत से ज्यादा भरोसा करना. इसका खुलासा खुद अमेरिका के नेशनल इन्स्टीट्यूट ऑफ एलर्जी एंड इन्फेक्शियस डिजीज के डायरेक्टर डॉ. एंथोनी फॉसी ने किया है. अमेरिका के एक निजी टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में डॉ. एंथोनी ने कहा है कि शुरुआत में हमें पूरी जानकारी हासिल नहीं हुई, चीन में 31 दिसंबर को पहला केस सामने आया


हमें जानकारी थी कि ये जानवरों से इंसानों में फैला है लेकिन इससे कुछ हफ्तों पहले से ये इंसानों से इंसानों में फैलना शुरू हो चुका था और जब हमें ये जानकारी मिली तो ये बात साफ हो गई थी कि हमें पहले गलत सूचना मिली थी. साफ तौर पर हमें सही जानकारी नहीं दी गई थी.


कौन हैं डॉक्टर फॉसी?
अमेरिकी के डॉक्टर फॉसी जिन्होंने चीन पर गलत सूचना देने का आरोप लगाया है, उनके बारे में भी जान लीजिए. डॉक्टर फॉसी अमेरिका की नेशनल इन्स्टीट्यूट ऑफ एलर्जी एंड इन्फेक्शियस डिजीज के डायरेक्टर हैं. पिछले 3 दशकों से इस संस्थान के प्रमुख हैं. अमेरिका के 6 राष्ट्रपतियों के साथ काम कर चुके हैं. डॉक्टर फॉसी को दुनिया में वायरस का सबसे बड़ा डॉक्टर माना जाता है. 


जाहिर है जो व्यक्ति अमेरिका में संक्रमित बीमारियों के रोकथाम करने का सबसे बड़ा अफसर हो जिसकी बातों पर ट्रंप ही नहीं पहले के भी पांच अमेरिकी राष्ट्रपतियों ने आंखमूंद कर भरोसा किया. चीन ने धोखे में रखा और यही वजह है कि आज अमेरिका दुनिया में कोरोना वायरस का सबसे बड़ा एपिसेंटर बन चुका है.  


डॉ. एंथोनी फॉसी ने ही मार्च के आखिरी हफ्तों में ही ये ऐलान कर दिया था कि कोरोना से अमेरिका में मौत का आंकड़ा एक लाख को पार कर सकता है. एक पत्रकार के सवाल के जवाब में डॉक्टर फौकी ने ये आशंका जाहिर की थी.


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