बिहार में लाॅकडाउन 3 मई तक के लिए बढ़ा, 20 अप्रैल के बाद कुछ जिलों को मिल सकती है छूट।
बिहार (अफजल इमाम ’’मुन्ना’’)। बिहार में 23 दिनों की लाॅकडाउन के बाद पूरे देश में आज से लाॅकडाउन-2 लागू हो गया है। 21 दिनों की देश व्यापी लाॅकडाउन की समाप्ति के बाद यह लाॅकडाउन-2 की अवधि 20 दिनों की होगी। लाॅकडाउन आगामी 3 मई तक के लिए बढ़ा दिया गया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने सम्बोधन में कल इस बात की घोषणा की है। हालांकि, 20 अप्रैल के बाद वैसे जगहों को लाॅकडाउन से थोड़ी छूट दी जाऐगी। जहां कोरोना का एक भी मामला सामने नहीं आया है। इस तरह से देखा जाए तो सूबे बिहार में राजधानी पटना सहित सीवान, बेगूसराय, मुंगेर, गया, नवादा, गोपालगंज, नालंदा, सारण, लखीसराय व भागलपुर को छोड़कर बाकी जिलों को आगामी 20 अप्रैल को समीक्षा के बाद लाॅकडाउन में थोड़ी छूट दी जा सकती है। जहां कोरोना पाॅजिटिव पाए गए हैं, वहां के लोगों को परेशानी का सामना आगे भी करना पड़ सकता है। हालांकि, जहां छूट मिलना है, वहां कई शर्ते भी लागू होनी है। क्योंकि, शारीरिक दूरी का पालन होना भी बहुत आवश्यक है। नए हाॅटस्पाॅट नहीं बनने देना है। इधर, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पल्स पोलियो की तर्ज पर सीवान, बेगूसराय, नवादा व नालंदा में डोर टू डोर स्क्रीनिंग कराने का आदेश दिया है। साथ ही, सरकार के निर्देश को मानते हुए आम लोगों से लाॅकडाउन का पूरी तरह से पालन करने का आग्रह किया है।
उधर, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का कहना है, लाॅकडाउन के दौरान अनुशासन का पालन करना आवश्यक है। हमें किसी भी किमत पर नए जगहों पर ’कोविड-19’ यानी कोरोना वायरस को फैलने नहीं देना है। अभी हमें और सतर्कता बरतनी है। उन्होंने गरीब व मजदूर वर्ग की चिंता करते हुए कहा है, इनकी जिंदगी में आई परेशानी को कम करना है। इस दौरान लोगों को रोजमर्रा की चीजें उपलब्ध होंगी। उन्होंने लोगों से देश सेवा में जुट जाने का आह्वान तक किया है। उन्होंने कहा है, 20 अप्रैल को मूल्यांकन किया जाएगा। इसके बाद ही कुछ छूट दी जाएगी। नए हाॅटस्पाॅट नहीं बनने देना है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की इस बात से समझा जा सकता है, बिहार में राजधानी पटना सहित सीवान, बेगूसराय, मुंगेर, गया, नवादा, गोपालगंज, नालंदा, सारण, लखीसराय व भागलपुर को लाॅकडाउन से छूट नहीं मिलने वाली है। जहां हाॅटस्पाॅट नहीं बनेंगे, वहां 20 अप्रैल से कुछ आवश्यक गतिविधियों में छूट मिल सकती है। हालांकि, इसमें भी कई शर्तें होंगी। वैसे, इस महीने की 25 तारिख से मुस्लिम भाईयों का पवित्र महीना ’रमजान’ यानी रोजा (पूरे एक माह का उपवास) भी शुरू होने जा रहा है। लाॅकडाउन की वजह से रोजेदारों को जरूरी सामानों की खरीददारी करने में कठिनाई हो सकती है। क्योंकि सोशल डिस्टेंस के लिए यहां बिना पास के वाहनों का सड़कों पर चलना पूरी तरह प्रतिबंध है। केन्द्र व राज्य सरकार को चाहिए कि इस ओर भी ध्यान दें। ताकि रमजान जैसे पवित्र महीने में आम व खास लोग भी बाजारों में र्निधारित समय पर अपने घरों के लिए जरूरी सामान खरीद सकें।
बिहार की बात करें तो राज्य में 38 जिल हैं। इसमें अभी तक 11 जिले कोरोना वायरस से प्रभावित हैं। इसमें राजधानी पटना सहित सीवान, बेगूसराय, मुंगेर, गया, नवादा, गोपालगंज, नालंदा, सारण, लखीसराय व भागलपुर शामिल है। बाकी 27 जिलों में अभी तक कोरोना ने दस्तक नहीं दी है यानी एक भी मामले सामने नहीं आए हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मुताबिक, बात करें तो यदि 20 अप्रैल तक बिहार के बाकी बचे जिले, जहां अभी तक कोरोना पाॅजिटिव के एक भी मामले सामने नहीं आए हैं, वहां लाॅकडाउन में कुछ शर्तों के साथ छूट मिल सकती है।
बता दें कि, सूबे बिहार में अभी तक 11 जिले ऐसे हैं, जो कोरोना वायरस जैसे जानलेवा बीमारी की चपेट में आ चुके हैं। राज्य में सबसे ज्यादा केस सीवान जिले से आए हैं। यहां पर कुल 29 कोरोना पाॅजिटिव केस मिले हैं। इसमें 23 लोग एक ही परिवार के सदस्य व अन्य रिश्तेदार हैं। हालांकि, सीवान में विदेश से लौटे जिस शख्स से कोरोना वायरस फैला है, वह अब ठीक हो चुका है। उसकी दूसरी रिपोर्ट निगेटिव आई है। इसके अलावा बेगूसराय व मुंगेर में 8-8, नालंदा में 6, गया व पटना में 5-5, गोपालगंज व नवादा में 3-3, सारण, लखीसराय व भागलपुर में 1-1 कोरोना पाॅजिटिव व्यक्ति मिले हैं। बिहार में अभी तक कोरोना पाॅजिटिव के कुल 70 मामले सामने आ चुके हैं। इसमें मुंगेर के सैफ अली नामक एक व्यक्ति की मौत बीते 21 मार्च को पटना एम्स में हो चुकी है। जबकि, खुशी की बात यह है कि अभी तक 33 लोग ठीक भी हुए हैं।
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