सोमवार, 13 अप्रैल 2020

बिहार में कोरोना पाॅजिटिव की तादाद बढ़कर 65 हुई, लाॅकडाउन-2 का हो सकता है कल ऐलान।

 


बिहार (अफजल इमाम ’’मुन्ना’’)। देश-दुनिया में महामारी का रूप ले चुका ’कोविड-19’ यानी कोरोना वायरस को लेकर इन दिनों लोग काफी परेशान हैं। बिहार में आज 13 अप्रैल के संध्या तक एक केस सामने आया है। जहां बेगूसराय के एक 34 वर्षीये संक्रमित मरीज की जांज रिपोर्ट कोरोना पाॅजिटिव आई है। जबकि, यहां कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच 12 अप्रैल का दिन राहत देने वाला रहा है। क्योंकि बिहार में बीते 24 घंटों के दौरान एक भी कोरोना पाॅजिटिव केस सामने नहीं आया है। लेकिन, राज्य स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक कुल कोरोना पाॅजिटिव की तादाद अब बढ़कर 65 हो गई है। खुशी की बात यह है कि अभी तक 27 कोरोना पाॅजिटिव मरीज ठीक होकर अपने घर भी चले गए हैं। राज्य में आज प्रातःकाल तक 7199 सैंपलों की जांच की गई है। जबकि, 412 सैंपलों की जांच जारी है। दूसरी ओर बिहार सरकार लाॅकडाउन के नियमों को और ज्यादा सख्त करने जा रही है। कार या बाइक से निकलने पर पूरी तरह रोक होगी। परिवहन विभाग जल्द ही नई गाइडलाइन जारी करने जा रही है। राज्य में बिना पास के अब कोई भी वाहन सड़कों पर नहीं चल सकती है। पकड़े जाने पर दंड के भागी होना तय है। 



               उधर, राज्य स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार का कहना है कि ’कोविड-19’ यानी कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए चैतरफा तैयारी पूरी कर ली गई है। उनका कहना है कि हर अस्पताल में 50 आॅक्सीजन सिलिंडर का बफर स्टाॅक तैयार कर लिया गया है। इसके अलावा सभी जिला अस्पताल में एक-एक सौ आॅक्सीजन सिलिंडर के बफर स्टाॅक के अलावा सभी अनुमंडलीय अस्पतालों के आइसोलेशन वार्ड के लिए 50 आॅक्सीजन सिलिंडर की निर्बाध आपूर्ति करने का निर्देश दिया गया है। इसके अलावे सूबे बिहार में बनाए गए 300 क्वारंटिन सेन्टरों, जिसमें विभिन्न होटल, हाॅस्टल, स्कूल-काॅलेज व अन्य भवनों में रहने वाले लोगों के लिए पचास-पचास आॅक्सीजन सिलिंडर के बफर स्टाॅक करने की तैयारी है। उनका कहना है कि ’कोविड-19’ अस्पताल के रूप में चिन्हित नालंदा मेडिकल काॅलेज अस्पताल (पटना) के 800 बेडों, जवाहर लाल नेहरू मेडिकल काॅलेज अस्पताल (भागलपुर) के लिए 1000 बेडों व अनुग्रह नारायण मेडिकल काॅलेज अस्पताल (गया) के लिए 544 बेडों के लिए आॅक्सीजन की व्यवस्था कराई गई है।


इधर, कोरोना वायरस से जंग के लिए देश भर में 21 दिनों के लिए लगाया गया लाॅकडाउन का आज 20वां दिन है। कल 14 अप्रैल को देश व्यापी लाॅकडाउन का आखरी दिन है। लेकिन, देश में कोरोना वायरस की जैसी स्थिति है। लाॅकडाउन की अवधि बढ़ाई जाएगी। ऐसी संभावना जताई जा रही है। बीते 11 अप्रैल को ही लाॅकडाउन-2 को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहित अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से एक बैठक में लाॅकडाउन को आगे बढ़ाने पर विचार किया जा चुका है। अधिकांश ने अपनी सहमती जता दी है। इसलिए आगामी 14 अप्रैल को सुबह 10 बजे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी देश को संबोधित करने वाले हैं। इस दौरान लाॅकडाउन-2 का ऐलान होने की संभावना ज्यादा है। वैसे, इस बार कुछ छुट भी मिलने की संभावना लग रही है।


दूसरी ओर बिहार में कुल 38 जिलों में से 11 जिले ऐसे हैं, जो कोरोना वायरस जैसे जानलेवा बीमारी की चपेट में आ चुके हैं। सबसे अधिक केस सीवान जिले से आए हैं। यहां पर कुल 29 कोरोना पाॅजिटिव केस मिले हैं। इसमें 23 लोग एक ही परिवार के सदस्य व अन्य रिश्तेदार हैं। हालांकि, सीवान में विदेश से लौटे जिस शख्स से कोरोना वायरस फैला है, वह अब ठीक हो चुका है। उसकी दूसरी रिपोर्ट निगेटिव आई है। उसे 14 दिनों तक घर में ही रहना है। इसके अलावा बेगूसराय में 8, मुंगेर में 7, गया में 5, पटना में 5, गोपालगंज में 3, नवादा में 3, नालंदा में 2, सारण में 1, लखीसराय में 1 व भागलपुर में 1 कोरोना पाॅजिटिव संक्रमित व्यक्ति मिले हैं।


बता दें कि, सूबे बिहार में कोरोना से अब तक र्सिफ मुंगेर के सैफ अली नामक एक व्यक्ति की मौत राजधानी पटना स्थित एम्स में बीते 23 मार्च को हो चुकी है। जबकि 65 संक्रमित लोग कोरोना पाॅजिटिव पाए गए हैं। बिहार में कोरोना मरीजों के इलाज के लिए बनाए गए 3 मेडिकल काॅलेज अस्पतालों में वर्तमान में 116 आइसीयू बेड व 50 वेंटिलेटर मशीन उपलब्ध है। हालांकि, आइसीयू में एक भी मरीज भर्ती नहीं है। तीनों कोरोना अस्पतालों में र्सिफ 10 मरीज आइसोलेशन वार्ड में भर्ती हैं। उधर, कोरोना महामारी व लाॅकडाउन के बीच राज्य स्वास्थ्य विभाग ने सूबे बिहार के सभी सरकारी अस्पतालों में आॅक्सीजन सिलिंडर का बफर स्टाॅक तैयार कर लिया है। राज्य में सभी जिला अस्पतालों से लेकर प्राथमिकी स्वास्थ्य केन्द्रों, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों, अनुमंडलीय अस्पतालों व मेडिकल काॅलेज अस्पतालों में आॅक्सीजन सिलिंडर का बफर स्टाॅक निर्धारित कर दिया गया है। इसके साथ ही सभी स्तर पर इसकी नियमित माॅनीटरिंग के लिए पदाधिकारी भी तैनात कर दिए गए हैं। दूसरी ओर राज्य के अधिकांश जगहों पर सुरक्षा के मद्देनज़र जांच व सैनिटाइज कराने की आवश्यकता है। कोरोना के अलावा अन्य बीमारियों की इलाज के लिए सरकारी अस्पतालों में ओपीडी सेवा बहाल करना जरूरी है। क्योंकि ब्लड प्रेसर, मधुमेह, सिजनल इंफेक्शन आदि के रोगियों को इन दिनों काफी परेशानी झोलनी पड़ रही है। लाॅकडाउन के कारण राज्य के सरकारी अस्पतालों में ओपीडी के साथ-साथ प्राइवेट क्लीनिकों में भी ताला लटका हुआ है। 


 


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