बिहार में एक चिकित्सक सहित कोरोना पाॅजिटिव की तादाद बढ़कर 93 हुई, लाॅकडाउन के उल्लंघन के आरोप में शिक्षा मंत्री के एक कर्मचारी व अधिकारियों पर एफआईआर दर्ज।
बिहार (अफजल इमाम ’’मुन्ना’’)। देश-दुनिया में महामारी का रूप ले चुका ’कोविड-19’ यानी कोरोना वायरस को लेकर लोग काफी परेशान हैं। बिहार में भी कोरोना वायरस का कहर बढ़ता ही जा रहा है। राज्य में आज (19 अप्रैल को) एक चिकित्सक सहित 6 और कोरोना पाॅजिटिव केस मिला है। खास बात यह है कि कोरोना से संक्रमित चिकित्सक नालंदा जिले के बिहारशरीफ प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में प्रभारी चिकित्सक के पद पर कार्यरत हैं। सूबे बिहार में किसी चिकित्सक के कोरोना संक्रमित होने का यह पहला मामला सामने आया है। वैसे, संक्रमित चिकित्सक दुबई से लौटे कोरोना संक्रमित एक युवक के रिश्तेदार हैं। ये चिकित्सक कोरोना संक्रमण के शिकार दुुबई से बीते 22 मार्च को लौटे रिश्तेदार के संपर्क में आने से हुए हैं। ये चिकित्सक 11 अप्रैल को ही उसके संपर्क में आए थे। अब, कोरोना संक्रमण की वजह से 11 अप्रैल के बाद से अब तक चिकित्सक के संपर्क में आए तमाम लोगों का पता लगाया जा रहा है। सभी लोगों को कोरेंटाइन में रखकर कोरोना वायरस की जांच किया जाना तय है। चिकित्सक के अलावा नालंदा में आज 3 और कोरोना के मरीज मिले हैं।
उधर, बक्सर में भी 2 नए कोरोना के मरीज मिले हैं। जहां एक युवक व एक युवती को कोरोना पाॅजिटिव पाया गया है। बक्सर में आज मिले कोरोना के 2 मामले में भी रिश्तेदार के संपर्क में आने से ही कोरोना हुआ है। भोजपुर में भी एक केस मिला है। इसके साथ ही राज्य में कारोना वायरस से संक्रमित मरीजों की तादाद बढ़कर 93 हो गई है। इनमें 2 की मौत पटना एम्स में पहले हो चुकी है। एक मुंगेर का सैफ अली व दूसरा वैशाली का नवल किशोर राय है। जबकि राहत की बात है, कोरोना के 44 मरीज ठीक होकर अपने घर चले गए हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आदेश पर कल से आम मरीजों के लिए सरकारी अस्पतालों में सुरक्षा के साथ ओपीडी सेवा बहाल कर दी गई है।
दूसरी ओर लाॅकडाउन का उल्लंघन करने वाले आम व खास लोगों पर कानूनी दंडा चलना तेज हो गया है। यही वजह है कि लाॅकडाउन को ताक पर रखकर मछली-चावल की पार्टी करने वाले बिहार के शिक्षा मंत्री कृष्णानंदन वर्मा के एक चतुर्थवर्गीय कर्मचारी पिंटू कुमार यादव को महंगा पड़ा है। यह पार्टी जहानाबाद जिले के मखदुमपुर प्रखंड के सुगांव में बीते 15 अप्रैल को आयोजित की गई थी। इस पार्टी में लाॅकडाउन व सोशल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन करते हुए बड़ी तादाद में सरकारी महकमा से जुड़े व अन्य लोगों ने भाग लिया था। पार्टी में मछली-चावल सहित कई व्यंजनों का इंतजाम था। पार्टी में स्थानीय लोगों के अलावा जिले व मखदुमपुर प्रखंड के कई अधिकारियों व नामचीन हस्तियों के भाग लेने की सूचना प्रशासन को प्राप्त हुई थी। इस आलोक में पुलिस अधीक्षक मनीष कुमार ने जांच का निर्देश दिया था। सहायक पुलिस अधीक्षक पंकज कुमार के नेतृत्व में जांच की गई। जांच के बाद पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर टेहटा ओपी प्रभारी बैरिस्टर पासवान ने 8 नामजद व 30 अज्ञात लोगों पर प्राथमिकी दर्ज की है। इसका कांड संख्या 129/2020 है। जिसमें आपदा अधिनियम, 188, 269, 270, 271 आईपीसी धारा लगाए गए हैं। नामजद लोगों में पार्टी आयोजक गृह स्वामी पिंटू कुमार यादव, एसडीपीओ प्रभात भूषण श्रीवास्तव, मखदुमपुर के बीडीओ अनिल मिस्त्री, सीओ राजीव रंजन, सामाजिक कार्यकर्ता एस.के.सुनील, वीरेन्द्र सिंह, प्रवीण शर्मा व संतोष कुमार शामिल हैं। मखदुमपुर के थानेदार धनंजय कुमार का कहना है कि प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है। पार्टी का आयोजन गृह प्रवेश के सवा महीने पूरा होने के उपलक्ष्य में किए गए थे। भव्य भवन का गृह प्रवेश बीते 6 मार्च को किया गया था। उस समय भी भव्य समारोह का आयोजन किया गया था।
इधर, इस मामले पर नीतीश सरकार के शिक्षा मंत्री कृष्णानंदन वर्मा का कहना है कि जहानाबाद जिले के कुछ अधिकारी हमारे गांव गए थे। जहां वे राहत सामग्री बांट रहे थे। इस पर गांव के कुछ लोगों ने कहा, आप हमारे लिए इतनी मेहनत कर रहे हैं तो हमारे साथ भी कुछ खाकर जाइए। कुछ लोगों के साथ बैठकर खाना खाया होगा। लेकिन, इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हुआ या नहीं यह जांच का विषय है। अगर इस मामले में कहीं भी कानून का उल्लंघन हुआ है तो दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
उधर, लाॅकडाउन-2 में पुलिस की कार्रवाई तेज हो गई है। पुलिस की सख्ती के कारण गिरफ्तार लोगों की तादाद बढ़ती ही जा रही है। बीते 17 अप्रैल को इसके उल्लंघन करने पर पूरे राज्य में 43 मामले दर्ज किए गए हैं। जबकि, 27 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इसके साथ ही अब तक कुल 2247 वाहन जब्त कर 52.26 लाख रूपये बतौर जुर्माना की राशि वसूल किया गया है। एडीजी (मुख्यालय) जितेन्द्र कुमार के मुताबिक, बीते 24 दिनों में लाॅकडाउन के उल्लंघन के आरोप में 26 हजार 507 गाड़ियों की जब्ती व 6.19 करोड़ रूपये जुर्माना वसूले गए हैं। इस क्रम में कुल 968 लोगों की गिरफ्तारी के साथ ही राजधानी पटना सहित अन्य जिलों में 1166 एफआईआर तक दर्ज किए जा चुके हैं।
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