रविवार, 5 अप्रैल 2020

भारत में लॉक डाउन के बीच बढ़ रहे हैं घरेलू हिंसा के मामले ।


राष्ट्रीय महिला आयोग ने कहा है कि जिस दिन से बन्दी शुरू हुई है उस दिन से घरेलू हिंसा के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. पीड़ित महिलाएं शिकायत कर रही हैं कि अगर उन्हें तालाबंदी से पहले थोड़ा समय मिल जाता तो कहीं और चली जातीं.



तालाबंदी कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने में सहायक हो सकती है पर इसने समाज के कई वर्गों के लिए मुश्किलें बढ़ा दी हैं. देश ने पहले देखा कि कैसे भूखे मर जाने के डर से प्रवासी श्रमिक अपने अपने गृह राज्य लौट जाने के लिए तालाबंदी के बीच पैदल ही निकल पड़े. अब खबरें आ रही हैं कि कैसे घरेलू हिंसा की शिकार महिलाओं के लिए तालाबंदी अभिशाप बन गई है.


राष्ट्रीय महिला आयोग ने कहा है कि जिस दिन से तालाबंदी शुरू हुई है उस दिन से घरेलू हिंसा के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने कहा है कि 24 मार्च से लेकर अभी तक उन्हें घरेलू हिंसा की शिकायत करते हुए 69 ईमेल आई हैं और यह आंकड़ा रोज बढ़ता ही जा रहा है. रेखा शर्मा का कहना है कि असली आंकड़ा इससे भी ज्यादा होगा क्योंकि आयोग को अधिकतर शिकायतें ईमेल नहीं बल्कि डाक के जरिए आती हैं.



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