गुरुवार, 23 अप्रैल 2020

बड़ा खुलासा- ब्लड के जरिए शरीर के किसी भी अंग तक पहुंच सकता है कोरोना


स्विटजरलैंड:  ज्यूरिख यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने यह शोध किया है जिसकी रिपोर्ट प्रतिष्ठित हेल्थ रिसर्च जर्नल द लैंसेट में प्रकाशित हुई है। द लैंसेट जर्नल में प्रकाशित इस शोध के मुताबिक, कोरोना वायरस रक्तवाहिनियों को संक्रमित करके मनुष्य के शरीर के किसी भी अंग तक पहुंच सकता है और जानलेवा हो सकता है। शोधकर्ता फ्रेंक रस्चिज्का के मुताबिक, वायरस रक्तवाहिनी की ऊपरी सतह (एंडोथीलियम) पर हमला करता है, जिस कारण शरीर में ब्लड सर्कुलेशन कम होता है, इस स्थिति में शरीर के किसी एक हिस्से में ब्लड जमा होने लगता है। इस शोध में कहा गया है कि यह वायरस सिर्फ फेफड़ों को ही नहीं संक्रमित करता, बल्कि दूसरे अंगों को भी प्रभावित कर सकता है।


      ज्यूरिख यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने वायरस के संक्रमण का तरीका समझने के लिए कोरोना संक्रमितों की रक्तवाहिनियों पर पड़ने वाले प्रभावों का अध्ययन किया है। उन्हें इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोप से देखने पर रक्तवाहिनियां क्षतिग्रस्त दिखीं। ऐसा होने के पीछे की वजह एसीई 2 रिसेप्टर एंजाइम को बताया गया है। अब तक हुए कई शोधों में एसीई 2 रिसेप्टर्स को कोरोना वायरस का मददगार बताया जा चुका है। यह एंजाइम हृदय, फेफड़े और किडनी की कोशिकाओं में पाया जाता है। शोधकर्ताओं के मुताबिक, रक्तवाहिनियों पर इस वायरस के प्रभाव के कारण सामान्य लोगों की तुलना में हाई ब्लड प्रेशर और दिल के मरीजों को कोरोना संक्रमण का खतरा ज्यादा है। ऐसे लोगों को विशेष एहतियात बरतने के लिए कहा गया है। शोधकर्ता फ्रेंक रस्चिज्का के मुताबिक, अब तक कोरोना संक्रमण के ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं, जिसमें कोरोना फेफड़ों के अलावा दिल, किडनी, और आंत को जकड़ चुका है। किसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे लोगों को कोरोना संक्रमण का ज्यादा खतरा होने के पीछे का कारण उनकी रक्तवाहिनियां का कमजोर होना है। हाई ब्लड प्रेशर, हार्ट संबंधी बीमारी, मोटापा और डायबिटीज के मरीजों की रक्तवाहिनियां कमजोर होती हैं। स्मोकिंग करने वाले लोगों के साथ भी यही खतरा है। इसलिए स्वास्थ्य विशेषज्ञ स्मोकिंग छोड़ने की सलाह दे रहे हैं।


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