मंगलवार, 17 मार्च 2020

निर्भया गैंगरेप का दोषी फांसी की सजा रद्द कराने फिर पहुंचा कोर्ट, कहा- घटना के समय वह दिल्ली में नहीं था |

निर्भया गैंगरेप और हत्या मामले के दोषी मुकेश ने दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में फांसी से बचने के लिए नई याचिका दर्ज की है |


नई दिल्‍ली | निर्भया गैंगरेप में दोषी करार मुकेश ने एक बार फिर से कोर्ट में याचिका दायर की है| इसमें उसने दावा किया कि निर्भया के साथ जिस दिन गैंगरेप की घटना हुई थी, उस दिन व‍ह दिल्‍ली में नहीं था, लिहाजा फांसी की सजा रद्द की जाए | दोषी मुकेश की ओर से वरिष्‍ठ अधिवक्‍ता एमएल शर्मा ने पटियाला हाउस कोर्ट में याचिका दाखिल की है | मुकेश ने अपनी याचिका में कहा कि 17 दिसम्बर 2012 को उसे दिल्ली पुलिस राजस्थान से लाई थी | ऐसे में वह 16 दिसम्बर को दिल्ली में नही था | बता दें कि इससे पहले मुकेश ने वरिष्‍ठ अधिवक्‍ता वृंदा ग्रोवर के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर उनके खिलाफ सख्‍त कार्रवाई करने की मांग की थी. हालांकि, कोर्ट ने उसकी याचिका खारिज कर दी थी |



3 दोषियों ने ICJ से लगाई गुहार



इससे पहले निर्भया गैंगरेप और हत्‍या मामले के तीन दोषियों ने फांसी की सजा के खिलाफ इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (ICJ) में भी गुहार लगाई है | सुप्रीम कोर्ट से फांसी की सजा मिलने के बाद पवन, अक्षय और विनय की ओर से वकील एपी सिंह ने अंतरराष्ट्रीय अदालत को इंसाफ दिलाने के लिए पत्र लिखा है | पत्र में 20 मार्च को होने वाली फांसी पर रोक लगाने की मांग की गई है |

वहीं आपको बता दें कि सोमवार को निर्भया मामले में दोषी करार मुकेश की याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी थी | मुकेश ने शीर्ष अदालत में अर्जी दाखिल कर वरिष्‍ठ अधिवक्‍ता वृंदा ग्रोवर के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी | जजिस्ट अरुण मिश्रा की पीठ ने कहा कि मुकेश की याचिका सुनवाई योग्‍य ही नहीं है | बता दें कि वृंदा ग्रोवर ने शुरुआत में मुकेश के केस की पैरवी की थी | वर्ष 2012 के निर्भया सामूहिक दुष्‍कर्म और हत्‍या मामले में मुकेश को फांसी की सजा सुनाई गई है |


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