शनिवार, 28 मार्च 2020

कोरोना वायरस के चलते लॉक डाउन के दौरान पैदल घर जाने को मजबूर लोग , 650 से अधिक किलोमीटर पैदल पलायन कर रहे लोग

उत्तर प्रदेश। जहां पूरी दूनिया में अभी कोरोना महामारी का संकट जारी है, वहीं भारत मे भी अन्य राज्यों से आए मजदूरों को भी घर पहुंचने की समस्या सता रही है। रोजमर्रा का काम करने वाले मजदूर अब देश के अलग अलग राज्यो से अपने घर जाने को पैदल पलायन करते नज़र आ रहे है ।


मामला उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले का है , जहां शहर स्तिथ कल्याणपुर क्रोसीइंग के पास 6 युवा मजदूर दिल्ली से फैज़ाबाद पैदल जाते दिखाई दिए। टीम द्वारा  उनसे पूछताछ की गई तो बताया कि वे दिल्ली से सट्टे नोएडा  जिले  से आए हैं और अब अपने घर उत्तर प्रदेश के फैज़ाबाद स्थित तारूल  गांव के लिए  पलायन कर रहे हैं। जब 22 मार्च को जनता कर्फ्यू का आवाहन हुआ था तब उन्हें लगा था कि स्तिथि नियंत्रण में आ जायेगी परन्तु 21 दिनों के लॉक डाउन के बाद इस महामारी के चलते ठेकेदार ने भी अब मदद के लिए हाथ ऊपर कर दिए हैं। ऐसे में अब घर जाने के अलावा उनके पास कोई चारा नहीं है। दो दिन पूर्व वह सभी लोग दिल्ली से पैदल रवाना हुए थे। साथी मजदूर 23 वर्षीय संजय ने बताया कि उनके पास पैसे खत्म हो गए थे , खाने के लिए राशन भी नही था ऐसे में पैदल अपने घर जाने के बजाए उन लोगो के पास कोई रास्ता नही बचा था । इसलिए वह पैदल ही निकल पड़े , हालांकि बीच बीच मे उन्हें लोगो द्वारा  लिफ्ट भी दि और कही चाय बिस्कुट भी खिलाय गए परन्तु ऐसी मजबूरी में वह क्या करते । वही उनके साथ पैदल घर जा रहे 22 वर्षीय देवनारायण ने बताया कि दिल्ली से हमारे घर की दूरी लगभग 650 किलोमीटर की है । और इसे हमे पैदल ही तय करना होगा क्योंकि न तो सरकार हमारी सुन रही है और ना ही हमारे मालिकान , उनका कहना है कि कोरोना वायरस से तो शायद बाद में मरे पर इस भूख से पहले ही मर जायेंगे। 


ऐसे में सवाल उठता है कि क्या देश मे लॉक डाउन करने से पहले सरकार को इनकी मजबूरी के बारे में सोचते हुए इनकी मूलभूत व्यवस्थाओ के बारे मे नही सोचना चाहिए था । सिर्फ यही नही पूरे देश मे मजदूर तमगे के लोगो मे अपने घर जाने के लिए पैदल पलायन करने की होड़ लगी है ।






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