देश के इन दो स्टेशनो के बीच डीएमयू ट्रेन की कमान महिलाओं के हाथ में ,अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस से पूर्व मिली जिम्मेदारी |
समस्तीपुर से दरभंगा जाने वाली डीएमयू ट्रेन संख्या-75253 अप की कमान है महिलाओं के हाँथ में |
अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस के एक दिन पूर्व यानी 7 मार्च को मध्य रेल के अधीन कार्यरत समस्तीपुर रेल मंडल के अधिकारियों ने समस्तीपुर से दरभंगा जानेवाली ट्रेन संख्या-75253 अप डीएमयू ट्रेन को नारी शक्ति के हवाले कर हरी झंडी देखाकर रवाना किया। ट्रेन की सुरक्षा से लेकर परिचालन, साफ-सफाई और टिकट चेकिंग तक महिलाओं के कंधे पर ही रहा। ट्रेन चलाने से लेकर ठहराव तक की जवाबदेही महिला रेल कर्मियों के हाथों में रही। जो यहां चर्चा का विषय बना हुआ है। रेलवे की इस अनोखी पहल की हर ओर सराहना हो रही है।
समस्तीपुर-दरभंगा रेल मार्ग में पड़ने वाले विभिन्न रेलवे स्टेशनों के लिए इस ट्रेन से यात्रा करने वाले रेल यात्री भी हैरान दिख रहे थे। क्योंकि इस ट्रेन में लोको पायलट व सहायक लोको पायलट के साथ-साथ गार्ड, टीटीई व रेलवे सुरक्षा बल की महिला जवान ही तैनात दिख रही थीं। समस्तीपुर रेल मंडल मुख्यालय स्थित समस्तीपुर जंक्शन रेलवे स्टेशन पर मंडल रेल प्रबंधक अशोक माहेश्वरी, एडीआरएम संतराम मीणा, सीनियर डीसीएम सरस्वती चन्द्र व महिला कल्याण संगठन की मंडल अध्यक्षा कल्पना माहेश्वरी तथा अन्य वरीय अधिकारियों ने हरी झंडी दिखाकर इस ट्रेन को दरभंगा के लिए रवाना किया। इस अवसर पर सभी महिला कर्मियों को गुलाब का फूल भेंट किया गया। यह ट्रेन यहां प्लेटफार्म संख्या दो से प्रातः 08.50 में अपने गणतव्य स्थान के लिए प्रस्थान हुई।
समस्तीपुर जंक्शन रेलवे स्टेशन पर ट्रेन में एक साथ तैनाती से महिला कर्मियों के चेहरे पर गर्व का भाव साफ झलक रहा था। जहां इस ट्रेन की कमान लोको पायलट संयुक्ता कुमारी, सहायक लोको पायलट कोमल कुमारी व गार्ड दीपा कुमारी संभाले रहीं। वहीं, प्वाइंट वुमैन ज्योति कुमारी, टीटीई कृष्णा धर व सरिता कुमारी ने संभाल रखी थीं। यह ट्रेन दरभंगा में प्लेटफाॅर्म संख्या एक पर 10 बजकर 30 मिनट पर पहुंची। ट्रेन में यात्रियों का ख्याल रखने के लिए करीब एक दर्जन महिला कर्मियों की तैनाती भी की गई थी। इतना ही नहीं, जहां जंक्शन स्टेशन पर पूछताछ केन्द्र में तैनात महिला कर्मी सोनी झा ट्रेनों के आवागमन की उद्घोषणा कर रही थीं। वहीं, जीआरपी थाने में तैनात कांस्टेबुल अंशु कुमारी पूरी लगन से कार्यरत रहीं। लोको पायलट संयुक्ता कुमारी का कहना है कि हम इस कार्य के लिए अपने आपको बहुत गौरवान्वित महसूस कर रही हुं। हालांकि, यहां रेल क्षेत्र में महिला कल्याण संगठन कई अच्छे कार्यों से अपनी एक अलग पहचान बना रही हैं। सिलाई सेंटर से लेकर बच्चों के लिए स्कूल तक संचालित कर रही हैं।
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