रविवार, 15 मार्च 2020

जीएसटी काउंसिल बैठक सम्पन्न

जीएसटी काउंसिल बैठक की अहम बातें



➖ इन्फोसिस से जीएसटी नेटवर्क के प्रबंध में अधिक कुशल कर्मचारियों को लगाने, हार्डवेयर की क्षमता बढ़ाने को कहा गया है।
➖ जुलाई, 2020 तक इन्फोसिस को एक बेहतर जीएसटीएन प्रणाली सुनिश्चित करनी होगी।
➖ मोबाइल फोन, विशेष कलपुर्जों पर जीएसटी की दर 12 से बढ़ाकर 18 प्रतिशत की गई।
➖ जीएसटी भुगतान में देरी पर एक जुलाई से शुद्ध कर देनदारी पर ब्याज लगेगा।
➖ विमानों की रखरखाव, मरम्मत, ओवरहॉल (एमआरओ) सेवाओं पर जीएसटी की दर 18 से घटाकर 5 प्रतिशत की गई।
➖ हस्त निर्मित, मशीन से बनी माचिस पर जीएसटी की दर को तर्कसंगत बनाकर 12 प्रतिशत किया गया।
➖ दो करोड़ रुपए से कम कारोबार वाली इकाइयों को वित्त वर्ष 2017-18, 2018-19 के लिए वार्षिक रिटर्न भरने में देरी पर विलम्ब-शुल्क माफ।




परिषद की बैठक में जीएसटी इनपुट टैक्स क्रेडिट के मामले में हो रही धोखाधड़ी पर अंकुश लगाने के लिये नई पहल को लेकर भी सिफारिश की गई। मुखौटा कंपनियां बनाकर उनके माध्यम से इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) धोखाधड़ी पर लगाम कसने के लिये माल एवं सेवाकर (जीएसटी) परिषद ने नई पंजीकृत इकाइयों को आईटीसी जारी करने से पहले उनके प्रतिष्ठानों और उनके वित्तीय लेनदेन की जानकारी लिए जाने की सिफारिश की है। इसके साथ ही बैंकों से भी सूचना रिटर्न प्राप्त करने पर भी जोर रहेगा।




जीएसटी भुगतान में देरी होने पर शुद्ध नकद कर देनदारी के आधार पर ब्याज लगाया जाएगा। इसकी गणना एक जुलाई 2017 से की जाएगी। इस संबंध में कानून में पिछली तिथि से जरूरी संशोधन किया जायेगा। कारोबारियों की सुविधा के लिए 14 मार्च 2020 तक निरस्त जीएसटी पंजीकरण को फिर से बहाल करने के लिए 30 जून 2020 तक आवेदन दिया जा सकता है। कारोबार शुरू करने वालों को यह एकबारगी सुविधा दी जाएगी।




पांच करोड़ रुपए से कम सकल कारोबार करने वाले सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों को 2018- 19 वित्त वर्ष के लिए फार्म जीएसटीआर- 9सी में मिलान विवरण दाखिल करने के मामले में राहत दी जाएगी। वित्त वर्ष 2018- 19 के लिये सालाना रिटर्न और मिलान विवरण दर्ज करने की तिथि 30 जून 2020 तक बढ़ाई जाएगी। इसी प्रकार दो करोड़ रुपए से कम कारोबार करने वाले करदाताओं के लिए 2017- 18 और 2018- 19 की सालाना रिटर्न और लेन- देन मिलान विवरण दाखिल करने पर विलंब शुल्क नहीं लिया जाएगा। 



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