नया वेतन कानून देशभर में लागू, जानिये अब क्या है न्यूनतम वेतनमान
अब करोड़ों मजदूरों को न्यूनतम वेतनमान मिलने लगा है, क्योंकि मोदी सरकार ने वेतन संहिता 2019 बनाकर चार पुराने श्रम कानूनों की सभी खास विशेषताओं को इसमें शामिल करते हुए कुछ नए प्रावधान भी जोड़ दिए हैं, जिससे इसकी उपयोगिता और दायरा दोनों बढ़ चुका है। बता दें कि पहली बार साल 2017 में पेश हुए इस विधेयक को इसी वर्ष केंद्र सरकार की ओर से हरी झंडी मिली, जिसके बाद जारी हुई वेतन संहिता 2019 की अधिसूचना के साथ ही देश के तकरीबन 50 करोड़ मजदूरों को एक समान न्यूनतम वेतन मिलने का रास्ता साफ हो गया है। कहना न होगा कि श्रम सुधारों की दिशा में इसे बहुत बड़ा कदम बताया जा रहा है। क्योंकि इसके लागू होने के बाद देश के तमाम मजदूरों को अब सुनिश्चित किए गए न्यूनतम वेतन से कम वेतन देना अपराध माना जाएगा। यही नहीं, अब एक समान काम के बदले एक जैसा वेतन देना भी जरूरी होगा। क्योंकि ये नया कानून ही अब पुराने श्रम कानूनों की जगह ले चुका है।अब करोड़ों मजदूरों को न्यूनतम वेतनमान मिलने लगा है, क्योंकि मोदी सरकार ने वेतन संहिता 2019 बनाकर चार पुराने श्रम कानूनों की सभी खास विशेषताओं को इसमें शामिल करते हुए कुछ नए प्रावधान भी जोड़ दिए हैं, जिससे इसकी उपयोगिता और दायरा दोनों बढ़ चुका है। बता दें कि पहली बार साल 2017 में पेश हुए इस विधेयक को इसी वर्ष केंद्र सरकार की ओर से हरी झंडी मिली, जिसके बाद जारी हुई वेतन संहिता 2019 की अधिसूचना के साथ ही देश के तकरीबन 50 करोड़ मजदूरों को एक समान न्यूनतम वेतन मिलने का रास्ता साफ हो गया है। कहना न होगा कि श्रम सुधारों की दिशा में इसे बहुत बड़ा कदम बताया जा रहा है। क्योंकि इसके लागू होने के बाद देश के तमाम मजदूरों को अब सुनिश्चित किए गए न्यूनतम वेतन से कम वेतन देना अपराध माना जाएगा। यही नहीं, अब एक समान काम के बदले एक जैसा वेतन देना भी जरूरी होगा। क्योंकि ये नया कानून ही अब पुराने श्रम कानूनों की जगह ले चुका है।
अब करोड़ों मजदूरों को न्यूनतम वेतनमान मिलने लगा है, क्योंकि मोदी सरकार ने वेतन संहिता 2019 बनाकर चार पुराने श्रम कानूनों की सभी खास विशेषताओं को इसमें शामिल करते हुए कुछ नए प्रावधान भी जोड़ दिए हैं, जिससे इसकी उपयोगिता और दायरा दोनों बढ़ चुका है। बता दें कि पहली बार साल 2017 में पेश हुए इस विधेयक को इसी वर्ष केंद्र सरकार की ओर से हरी झंडी मिली, जिसके बाद जारी हुई वेतन संहिता 2019 की अधिसूचना के साथ ही देश के तकरीबन 50 करोड़ मजदूरों को एक समान न्यूनतम वेतन मिलने का रास्ता साफ हो गया है। कहना न होगा कि श्रम सुधारों की दिशा में इसे बहुत बड़ा कदम बताया जा रहा है। क्योंकि इसके लागू होने के बाद देश के तमाम मजदूरों को अब सुनिश्चित किए गए न्यूनतम वेतन से कम वेतन देना अपराध माना जाएगा। यही नहीं, अब एक समान काम के बदले एक जैसा वेतन देना भी जरूरी होगा। क्योंकि ये नया कानून ही अब पुराने श्रम कानूनों की जगह ले चुका है।
लेबल: देश
<< मुख्यपृष्ठ