बुधवार, 8 जनवरी 2020

नया वेतन कानून देशभर में लागू, जानिये अब क्या है न्यूनतम वेतनमान

अब करोड़ों मजदूरों को न्यूनतम वेतनमान मिलने लगा है, क्योंकि मोदी सरकार ने वेतन संहिता 2019 बनाकर चार पुराने श्रम कानूनों की सभी खास विशेषताओं को इसमें शामिल करते हुए कुछ नए प्रावधान भी जोड़ दिए हैं, जिससे इसकी उपयोगिता और दायरा दोनों बढ़ चुका है। बता दें कि पहली बार साल 2017 में पेश हुए इस विधेयक को इसी वर्ष केंद्र सरकार की ओर से हरी झंडी मिली, जिसके बाद जारी हुई वेतन संहिता 2019 की अधिसूचना के साथ ही देश के तकरीबन 50 करोड़ मजदूरों को एक समान न्यूनतम वेतन मिलने का रास्ता साफ हो गया है। कहना न होगा कि श्रम सुधारों की दिशा में इसे बहुत बड़ा कदम बताया जा रहा है। क्योंकि इसके लागू होने के बाद देश के तमाम मजदूरों को अब सुनिश्चित किए गए न्यूनतम वेतन से कम वेतन देना अपराध माना जाएगा। यही नहीं, अब एक समान काम के बदले एक जैसा वेतन देना भी जरूरी होगा। क्योंकि ये नया कानून ही अब पुराने श्रम कानूनों की जगह ले चुका है।अब करोड़ों मजदूरों को न्यूनतम वेतनमान मिलने लगा है, क्योंकि मोदी सरकार ने वेतन संहिता 2019 बनाकर चार पुराने श्रम कानूनों की सभी खास विशेषताओं को इसमें शामिल करते हुए कुछ नए प्रावधान भी जोड़ दिए हैं, जिससे इसकी उपयोगिता और दायरा दोनों बढ़ चुका है। बता दें कि पहली बार साल 2017 में पेश हुए इस विधेयक को इसी वर्ष केंद्र सरकार की ओर से हरी झंडी मिली, जिसके बाद जारी हुई वेतन संहिता 2019 की अधिसूचना के साथ ही देश के तकरीबन 50 करोड़ मजदूरों को एक समान न्यूनतम वेतन मिलने का रास्ता साफ हो गया है। कहना न होगा कि श्रम सुधारों की दिशा में इसे बहुत बड़ा कदम बताया जा रहा है। क्योंकि इसके लागू होने के बाद देश के तमाम मजदूरों को अब सुनिश्चित किए गए न्यूनतम वेतन से कम वेतन देना अपराध माना जाएगा। यही नहीं, अब एक समान काम के बदले एक जैसा वेतन देना भी जरूरी होगा। क्योंकि ये नया कानून ही अब पुराने श्रम कानूनों की जगह ले चुका है।


अब करोड़ों मजदूरों को न्यूनतम वेतनमान मिलने लगा है, क्योंकि मोदी सरकार ने वेतन संहिता 2019 बनाकर चार पुराने श्रम कानूनों की सभी खास विशेषताओं को इसमें शामिल करते हुए कुछ नए प्रावधान भी जोड़ दिए हैं, जिससे इसकी उपयोगिता और दायरा दोनों बढ़ चुका है। बता दें कि पहली बार साल 2017 में पेश हुए इस विधेयक को इसी वर्ष केंद्र सरकार की ओर से हरी झंडी मिली, जिसके बाद जारी हुई वेतन संहिता 2019 की अधिसूचना के साथ ही देश के तकरीबन 50 करोड़ मजदूरों को एक समान न्यूनतम वेतन मिलने का रास्ता साफ हो गया है। कहना न होगा कि श्रम सुधारों की दिशा में इसे बहुत बड़ा कदम बताया जा रहा है। क्योंकि इसके लागू होने के बाद देश के तमाम मजदूरों को अब सुनिश्चित किए गए न्यूनतम वेतन से कम वेतन देना अपराध माना जाएगा। यही नहीं, अब एक समान काम के बदले एक जैसा वेतन देना भी जरूरी होगा। क्योंकि ये नया कानून ही अब पुराने श्रम कानूनों की जगह ले चुका है।


इस नए विधेयक के अनुसार, कर्मचारियों को सिक्कों, करेंसी नोट, चेक, बैंक अकाउंट में ट्रांसफर या इलेक्ट्रॉनिक तरीके से मजदूरी का भुगतान किया जा सकता है। हालांकि, भुगतान का वक्त नियोक्ता द्वारा तय किया जाएगा, जोकि रोजाना, साप्ताहिक, पखवाड़े में या फिर मासिक, कोई भी हो सकता है। इस विधेयक में ये भी सुनिश्चित किया गया है कि मासिक वेतन पाने वाले कर्मचारियों को अगले महीने की 7 तारीख तक वेतन मिलेगा। इसके अलावा, जो लोग साप्ताहिक आधार पर काम कर रहे हैं, उन्हें हफ्ते के आखिरी दिन और दैनिक कामगारों को उसी दिन पारिश्रमिक मिलना सुनिश्चित होगा। नए श्रम अधिनियम में कर्मचारी को दिए जाने वाले वेतन में निम्न आधार पर कटौती का प्रावधान भी रखा गया है, जिसमें जुर्माना, ड्यूटी से अनुपस्थित रहना, नियोक्ता द्वारा दिए गए रहने के स्थान या कर्मचारी को दिए गए एडवांस के आधार पर वेतन में कटौती की जा सकती है। हालांकि ये कटौती कर्मचारी के कुल वेतन के 50 प्रतिशत से ज्यादा कदापि नहीं हो सकती है। इस अधिनियम के जरिए लैंगिक आधार पर एक समान कार्य या एक समान प्रकृति वाले काम के लिए वेतन-भत्ते और भर्ती के मामले में लैंगिक भेदभाव को खत्म कर दिया गया है। बहरहाल, अब एक जैसे काम के लिए महिलाओं को भी उतना ही वेतन मिलेगा, जितना कि एक पुरुष को दिया जाता है।

 

इस नए अधिनियम में नियमों का उल्लंघन करने वाले नियोक्ताओं के लिए जुर्माने तथा सजा का प्रावधान भी रखा गया है। जिसके मुताबिक, न्यूनतम मजदूरी से कम मजदूरी देने या अधिनियम के अन्य किसी प्रावधान का उल्लंघन करने पर उस पर 50 हजार रुपए का जुर्माना लगेगा। यदि पांच साल के दौरान वो दोबारा ऐसा करता है तो उसे कम से कम 3 माह तक का कारावास और 1 लाख रुपए तक जुर्माना या फिर दोनों तरह की सजा दी जा सकेगी। इससे सरकार को उम्मीद है कि अब श्रमिकों को काफी राहत मिलेगी और उनके जीवन स्तर में उत्तरोत्तर सुधार आएगा।

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