व्यापार मेले तक पहुंचीं आदिवासी क्षेत्र की दुर्लभ जड़ी-बूटियां, खरीदने वालों की लगी है भीड़
नई दिल्ली के प्रगति मैदान में चल रहे 39वें अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले में पहली बार देश के आदिवासी इलाकों की दुर्लभ जड़ी बूटियां देखने को मिल रही हैं। मध्यप्रदेश के पंचमढ़ी इलाके से आदिवासी समुदाय के लोग विभिन्न तरह की जड़ी बूटियां लेकर मेले में पहुंचे हैं। इनके सेवन से गैर संचारी रोगों को काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है। वहीं मेले में सरस और हुनर हाट भी लोगों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। यहां सिल्क की साड़ियों व घर में रोजमर्रा के इस्तेमाल की वस्तुओं पर की गई नक्काशी दर्शकों को आकर्षित कर रही है। भोपाल के आदिवासी समुदाय के अजय का मानना है कि अब भी भारतीय चिकित्सा पद्धतियों में विलुप्त होती आदिकालीन की जड़ी बूटियों में किसी भी रोग को जड़ से खत्म करने की अद्भुत क्षमता है। आदिवासी क्षेत्र से आने वाली सुमित्रा देवी का कहना है कि जीवनशैली से जुड़े रोगों पर नियंत्रण के लिए यह जड़ी बूटियां बेहद कारगर साबित हो सकती हैं। हॉल नंबर सात में इन विशेष जड़ी बूटियों को स्थान दिया गया है।
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