सोमवार, 18 नवंबर 2019

उत्तर प्रदेश: ट्रांसगंगा सिटी में आंदोलनरत किसानों को 15 दिन में मिलेगा मुआवजा

उत्तर प्रदेश: ट्रांसगंगा सिटी में आंदोलनरत किसानों को 15 दिन में मिलेगा मुआवजा


ट्रांस गंगासिटी में यूपीसीडा और किसानों के बीच चल रहे तनाव को कम करने के लिए प्रशासन ने सोमवार को शंकरपुर सराय गांव में चौपाल लगाई। प्रशासनिक अफसरों ने वादा किया कि किसानों को आवंटित छह फीसदी विकसित भूमि देने के बाद ही और किसी को भूमि दी जाएगी। जिन किसानों को अभी मुआवजा नहीं दिया गया है, उनको 15 दिन में भुगतान कर दिया जाएगा। पूरे दिन स्थिति सामान्य रही। यूपीसीडा कड़ी सुरक्षा में दिन रात विकास कार्य करवा रहा है। अफसरों के जाने के बाद ग्रामीणों ने प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की।  


एडीएम राकेश कुमार सिंह, एएसपी विनोद पांडेय ने यूपीसीडा कर्मचारियों के साथ सुबह गांव में चौपाल लगाई। किसानों ने कहा कि उन्हें छह फीसदी जमीन विकसित करके दी जाए। एडीएम ने कहा कि सबसे पहले किसानों को भूमि दी जाएगी। उस भूमि पर किसान व्यापार भी कर सकते हैं और आवासीय इस्तेमाल भी कर सकते हैं। तमाम किसान बोले कि उन्हें मुआवजा नहीं मिला है। इस पर प्रशासन ने आपसी बंटवारे का मामला कोर्ट में होने की बात कही। तमाम किसानों ने कहा कि उनका मामला निपट गया है।


प्रशासन ने किसानों से मांगा कोर्ट का आदेश
प्रशासन ने उनसे कोर्ट का आदेश मांगा है। वादा किया कि कोर्ट का कागज मिलते ही किसानों के मुआवजे की राशि दो हफ्ते में दे दी जाएगी। उधर, चौपाल के बाद डीएम देवेंद्र कुमार पांडेय ने यूपीसीडा के सीईओ की बैठक में किसानों की जायज मांगों को पूरा करने का वादा किया। कुछ किसानों की ओर से की गई नौकरी की मांग नहीं मानी गई। प्रशासन का कहना था कि नौकरी का वादा नहीं हुआ था। डीएम ने कहा कि मामला पूरी तरह से शांत है। डीएम ने किसानों से आग्रह किया कि किसी के बहकावे में न आकर विकास में सहयोग प्रदान करें। 


भाजपा सरकार किसानों की हितैषी नहीं:सपा
शंकरपुर सरांय पहुंचे विधान प्ररिषद में नेता प्रतिपक्ष अहमद हसन और सपा के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम ने प्रदेश सरकार पर किसानों के उत्पीड़न का आरोप लगाया और उच्च स्तरीय जांच की मांग की। बोले, भाजपा सरकार किसानों की हितैषी नहीं है। दावा किया कि अखिलेश सरकार में किसानों को चार गुना मुआवजा दिया गया। आने वाले विधानसभा सत्र में सरकार को घेरने की बात कही है। रिपोर्ट राष्ट्रीय अध्यक्ष को सौपेंगे। आगे का निर्णय वही लेंगे।


 


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