सोमवार, 25 नवंबर 2019

उत्तर प्रदेश में धर्मान्तरण पर छिड़ी बहस, सियासत भी परवान पर















उत्तर प्रदेश राज्य विधि आयोग द्वारा योगी सरकार से राज्य में नया धर्मान्तरण कानून लाए जाने की वकालत किए जाने के बाद प्रदेश की सियासत गरमा गई है। कोई इसे बीजेपी के हिन्दुत्व के एजेंडे से जोड़कर देख रहा है तो किसी को लगता है कि योगी सरकार अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए इस तरह के हथकंडे अपना रहे हैं। सपा−बसपा और कांग्रेस सभी बीजेपी के खिलाफ 'झंडा−डंडा' लेकर खड़े हो गए हैं। ज्ञातव्य हो कि राज्य विधि आयोग ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को आगह किया है कि प्रदेश के मौजूदा कानूनी प्रावधान यूपी में धर्मान्तरण रोकने के लिए पर्याप्त नहीं हैं, इस लिए इस गंभीर मसले पर दस अन्य राज्यों की तरह उत्तर प्रदेश में भी नया कानून बनाना जरूरी है। धर्मांन्तरण पर नया कानून कब बनेगा, इसकी रूपरेखा क्या होगी, अभी यह सब बाते अतीत के गर्भ में छिपी हैं,लेकिन सियासी दलों में अभी से तलवारें खिंच गई हैं। मुल्ला−मौलवी, साधू−संत, पंडित, बुद्धिजीवी सब बंटे हुए नजर आ रहे हैं।











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