मध्य प्रदेश में पार्षद ही चुनेंगे मेयर और अध्यक्ष, सरकार के फैसले पर हाईकोर्ट ने मुहर लगाई
याचिकाकर्ता (Petitioner) अनवर हुसैन द्वारा दायर की गई इस याचिका (Petition) में कहा गया था कि सरकार द्वारा नगरीय निकाय एक्ट में किया गया संशोधन असंवैधानिक (Unconstitutional) है इस लिहाज से इसे रद्द किया जाए. सरकार द्वारा मध्य प्रदेश नगर पालिक विधि संशोधन अध्यादेश 2019 को सर्वसम्मति से पास कराया गया था, जिसे गवर्नर (Governor) ने भी आर्टिकल 213 की धारा 1 के तहत मंजूरी दी थी. इस मुहर के बाद मध्य प्रदेश म्युनिसिपल कॉरपोरेशन एक्ट 1956 एवं मध्य प्रदेश म्युनिसिपालिटीज़ एक्ट 1961 में संशोधन किया गया था. गौरतलब है कि 1997 के पूर्व भी नगरीय निकायों में महापौर और अध्यक्ष का चयन अप्रत्यक्ष प्रणाली से ही किया जाता था. तत्कालीन दिग्विजय सिंह सरकार में इस एक्ट में संशोधन करके महापौर का चयन प्रत्यक्ष तरीके से कराने का फैसला लिया गया था जिसे सरकार ने फिर बदला है
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