मध्य प्रदेश के इस मदरसे में मुसलमान करते हैं गायों की सेवा
देश मे गाय के नाम पर हो रही राजनीति के बीच मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से एक सुखद तस्वीर सामने आई है. भोपाल के नजदीक एक ऐसा मदरसा है जहां मुस्लिम छात्र ना सिर्फ इस्लामिक तालीम हासिल कर रहे हैं बल्कि यहां एक गौशाला भी है जहां मुस्लिम समाज के लोग गायों की सेवा कर रहे हैं.
देश मे गाय के नाम पर हो रही राजनीति के बीच मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से एक सुखद तस्वीर सामने आई है. भोपाल के नजदीक एक ऐसा मदरसा है जहां मुस्लिम छात्र ना सिर्फ इस्लामिक तालीम हासिल कर रहे हैं बल्कि यहां एक गौशाला भी है जहां मुस्लिम समाज के लोग गायों की सेवा कर रहे हैं.
दरअसल, भोपाल से सटे तूमड़ा गांव में बना दारुल उलूम हुसैनिया मदरसा पहली नजर में दूसरे मदरसों की ही तरह दिखता है, जहां बच्चे इस्लामिक तालीम हासिल कर रहे हैं. लेकिन ये मदरसा दूसरों से कुछ खास है. इस मदरसे में बनी एक गौशाला इसे दूसरे मदरसों से अलग बनाती है.
मदरसे में पढ़ने वाले बच्चे शिक्षा के साथ-साथ गायों की सेवा भी सीखते हैं. भोपाल के नजदीक बने इस मदरसे में करीब 200 छात्र पढ़ते हैं. सुबह से लेकर शाम तक इन्हें इस्लामिक शिक्षा के साथ-साथ मॉडर्न एजुकेशन, जैसे हिंदी और इंग्लिश भी सिखाई जाती है. इसके अलावा इन छात्रों को मदरसे में देशभक्ति का भी पाठ भी पढ़ाया जाता है.
सुबह की शुरुआत मदरसे में पढ़ाई से होती है जिसके बाद छात्र बारी-बारी से गौशाला जाते हैं और गायों की सेवा करते हैं. ये छात्र गायों को रोटी भी खिलाते हैं. इसके अलावा इन गायों का दूध ही मदरसे के छात्रों को पीने के लिए भी दिया जाता है. गायों को रोजाना नहलाया जाता है और पास के जंगलों में चराने के लिए ले जाया जाता है.
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