कालाधन देश में वापस लाने के लिए मोदी सरकार लेकर आएगी एलीफेंट बांड, नई माफी योजना में देना होगा कम टैक्स
सूत्रों ने बताया कि एक व्यक्ति जो अपने कालेधन को एलीफेंट बांड में निवेश करेगा उसे अपनी बेहिसाबी संपत्ति पर 15 प्रतिशत टैक्स का भुगतान करना होगा। इसके बाद घोषित संपत्ति का 40 प्रतिशत हिस्सा एलीफेंट बांड में निवेश करना होगा। इस तरह के बांड पर ब्याज की दर लीबोर (लीबोर और 500 आधार अंक) से जुड़ी होगी और कूपन दर 5 प्रतिशत रहेगी। एलीफेंट बांड पर मिलने वाले ब्याज पर कर देना होगा और इसकी दर 75 प्रतिशत होगी।
एलीफेंड बांड की परिपक्वता अवधि 20 से 30 साल की होगी। यह नई योजना हर किसी के लिए खुली होगी, जो अपने कालेधन का खुलासा करना चाहता है और जुर्माना एवं मुकदमा से बचना चाहता है। एचएलएजी ने सिफारिश की है कि एलीफेंट बांड के सब्सक्राइर्ब्स को जुर्माने और विदेशी विनिमय, कालाधन कानून और कर कानून सहित सभी कानूनों के तहत मुकदमे से माफी दी जाए।
इससे पहले मोदी सरकार ने 2016 में प्रधान मंत्री गरीब कल्याण डिपोजिट योजना (पीएमजीकेडीएस) को पेश किया था, जिसके तहत कोई भी व्यक्ति टैक्स, सरचार्ज और जुर्माना अदा कर अपनी अवैध संपत्ति को वैध बना सकता था। हालांकि यह योजना ज्यादा सफल नहीं हुई क्योंकि इसमें मुकदमे से कोई छूट नहीं थी।
इसी प्रकार 1981 में कालेधन के लिए स्पेशल बियरर बांड अधिनियम 1981 को पेश किया गया था। यह योजना भी ज्यादा सफल नहीं रही थी क्योंकि इन बांड धारकों को भी कानूनी कार्रवाई से कोई छूट नहीं दी गई थी।
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