शनिवार, 16 नवंबर 2019

अभिव्यक्ति की आज़ादी के नाम पर JNU में क्या क्या नहीं हुआ लेकिन देश के एक यूनिवर्सिटी में मौजूद मुट्ठी भर छात्रों का गैंग अभिव्यक्ति की आज़ादी को किस कदर अपनी जागीर समझ रहा है.

आप इस मानसिकता को बखूबी समझ सकते हैं. JNU के कुछ छात्र चाहते हैं कि JNU में पुलिस मीडिया या यूनिवर्सिटी का प्रशासन उनकी मर्जी से चले वो सबको इतना डरा कर रखें कि उनकी मर्जी के बिना वहां कोई पहुंच न सके. जेएनयू में 8 हजार से ज्यादा छात्र पढ़ते हैं और शुक्रवार के प्रदर्शन में करीब दो सौ छात्र शामिल थे. यानी कुल छात्रों में से सिर्फ ढाई फीसदी छात्र हंगामा करने उतरे थे. ये ढाई फीसदी छात्र ही देश में जेएनयू का नाम खराब करने के गुनहगार हैं. 


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