सोमवार, 7 अक्टूबर 2019

भोपाल आर्थिक तंगी से जूझ रही सरकर ने छिंदवाड़ा अस्पताल के लिए 1455 करोड़ मंजूर किए

आर्थिक तंगी के चलते बाजार से कर्ज ले रही राज्य सरकार ने छिंदवाड़ा में सुपर स्पेशलिटी अस्पताल बनाने के लिए 1455 करोड़ रुपए मंजूर कर दिए हैं। यह लागत अब तक प्रदेश के किसी भी मेडिकल कॉलेज के निर्माण में खर्च हुई राशि से लगभग तीन गुना ज्यादा है। सरकारी अफसरों का यह एस्टीमेट अचंभित करने वाला इसलिए भी है क्योंकि प्रदेश का सबसे बड़ा अस्पताल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) भी 900 करोड़ में बनकर तैयार हुआ है। वहीं, हमीदिया अस्पताल की नई बिल्डिंग भी 500 करोड़ रुपए से कम लागत तैयार हो चुकी है। उधर, अफसर छिंदवाड़ा अस्पताल के अपने एस्टीमेट और प्लानिंग को सही साबित करते-करते यह भूल गए कि साल भर पहले ही छिंदवाड़ा में 160 करोड़ रुपए लागत से मेडिकल कॉलेज बिल्डिंग और जिला अस्पताल को बेहतर बनाने का काम पूरा हुआ है। इसके बावजूद यहां डॉक्टर्स की कमी बनी हुई है।


हैरानी इसलिए.... क्योंकि बाकी अस्पतालों के लिए 200 करोड़ भी मुश्किल 
प्रदेश के अन्य मेडिकल कॉलेज और अस्पतालों के लिए इन्हीं अफसरों ने 200 करोड़ रुपए भी बमुश्किल स्वीकृत किए। जबकि छिंदवाड़ा मेडिल कॉलेज में विभागीय अफसरों की आपत्तियों के बावजूद इतनी बड़ी राशि की स्वीकृति दे दी गई। 


आठ महीने में ही 700 करोड़ रुपए बढ़ गया अनुमानित बजट
 



  • इस अस्पताल की फाइल मार्च 2019 में बनी। तब इसकी लागत 800 करोड़ रु. आंकी गई थी। 

  • फिर टेंडर कॉस्ट में संशोधन कर एस्टीमेट 1271 करोड़ रु. बताया गया। इस पर भी आपत्ति हुई।

  • इसके बाद संशोधित अनुमानित लागत  1455 करोड़ रुपए तय की गई। टेंडर प्रक्रिया शुरू हो गई है। 

  • 16 जुलाई को सरकार ने 1184 करोड़ रुपए की निर्माण राशि को प्रशासकीय मंजूरी दी थी। 

  • दो महीने बाद 13 सितंबर को फिर इसे बढ़ाकर 1455 करोड़ रुपए कर दी गई।


अफसर बोले... शुरुआत में 150, बाद में 250 एमबीबीएस सीटें
तीन महीने पहले सरकार से एक साल की सेवा वृद्धि पाने वाले प्रोजेक्ट डायरेक्टर वीएस वर्मा कहते हैं कि इस सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में पहले 150 और बाद में 250 एमबीबीएस सीटें होंगी। यह सेंट्रल इंडिया का ऐसा सबसे बेहतरीन अस्पताल होगा।